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चंद्रबाबू नायडू के आवास समेत 17 इमारतों को जगन सरकार का नोटिस

आंध्र प्रदेश में मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के एक खिलाफ और कार्रवाई की है. अमरावती में नायडू की बनाई ‘प्रजा वेदिका’ बिल्डिंग को तोड़ने के बाद अब उनके आवास समेत 17 बिल्डिंग को नोटिस जारी किया गया है. इन बिल्डिंग में अनाधिकृत निर्माण या निर्माण के लिए परमिशन न लेने की शिकायत पर नोटिस जारी किया गया है.

इससे पहले, मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने एन. चंद्रबाबू नायडू के आवास के पास कृष्णा नदी के किनारे स्थित एक इमारत प्रजा वेदिका को गिराने का आदेश दिया था. वहीं आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने इमारत को ढहाने पर रोक की याचिका खारिज कर दी थी. तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू द्वारा आधिकारिक बैठकों के लिए 2017 में बनाई गई इमारत ‘प्रजा वेदिका’ की चाहरदीवारी, गोदाम, भोजन कक्ष, शौचालय और अन्य हिस्सों को 28 जून को तोड़ने के बाद अधिकारियों ने मुख्य इमारत को तोड़ना शुरू कर दिया था.

‘प्रजा वेदिका’ में मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी की जिला अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ पहली बैठक संपन्न होने के कुछ घंटों बाद ही इमारत को तोड़ने का काम शुरू हो गया. उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि उनकी सरकार अनाधिकृत रूप से निर्मित इमारतों को ढहाने का अभियान चलाएगी, जिसकी शुरुआत नदी के किनारे स्थित सभी नियमों का उल्लंघन कर बनी इस इमारत को तोड़कर की जाएगी.

सुरक्षा में कटौती

आंध्र प्रदेश की नई सरकार ने चंद्रबाबू नायडू के परिवार के सदस्यों की सुरक्षा में कटौती भी की है.चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश की सुरक्षा घटा दी गई है. पहले उनके पास ‘जेड’ श्रेणी का कवर था, उसे अब ‘वाई’ कर दिया गया है. उन्हें अब 2 प्लस 2 सुरक्षाकर्मी दिए जाएंगे. पहले उन्हें 5 प्लस 5 सुरक्षाकर्मी प्राप्त थे.

लोकेश अपने पिता के मंत्रिमंडल में मंत्री थे. 11 अप्रैल को हुए विधानसभा चुनाव में तेदेपा की हार के बाद राज्य में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार है. नक्सलियों ने साल 2003 में नायडू को मारने की कोशिश की थी, तभी से उन्हें ‘जेड प्लस’ सुरक्षा मिली हुई थी. ‘जेड प्लस सुरक्षा’ देश में किसी भी वीआईपी व्यक्ति को मिलने वाली सर्वोच्च सुरक्षा है.

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