
भाजपा की कद्दावर नेता निर्मला सीतारमण को मोदी सरकार में वित्त मंत्रालय दिया गया है। इसी के साथ वह देश की दूसरी महिला वित्त मंत्री बन गई हैं। गुरुवार को शपथ लेने बाद शुक्रवार को उन्हें वित्त मंत्रालय की कमान सौंपी गई। वित्त मंत्रालय के साथ निर्मला को कॉरपोरेट मामलों का मंत्री भी बनाया गया है। इससे पहले देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी 1970 से 1971 तक एक साल के लिए देश की वित्त मंत्री थीं। निर्मला को पिछली सरकार में रक्षा मंंत्री और उससे पहले कॉरपोरेट कार्य का मंत्री बनाया गया था। साल 2008 में वह भाजपा का हिस्सा बनीं और तभी से पार्टी से जुड़ी हुई हैं।
पिछली सरकार में रहीं रक्षा मंत्री
निर्मला को वित्त मंत्रालय सौंपने के पीछे एक बड़ी वजह है। उन्होंने अपनी स्नातक और मास्टर की पढ़ाई अर्थशास्त्र में की है। मास्टर्स की डिग्री जेएनयू से ली है। जेएनयू से ही उन्होंने एम फिल की पढ़ाई की। उनके पति पी. प्रभाकर भी आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के सूचना सलाहकार रहे थे।
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में निर्मला सीतारमण रक्षा मंत्री थीं। तब भी निर्मला दूसरी ऐसी महिला रहीं, जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बाद रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली थी। पिछली सरकार में रक्षा मंत्री के तौर पर निर्मला ने अच्छा काम किया था। इस बार उन्हें वित्त मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया।
साल 2010 से लेकर 2014 तक निर्मला भाजपा की प्रवक्ता भी रहीं। 2016 से कर्नाटक से वो राज्यसभा की सदस्य थीं और साल 2014 से 2016 तक आंध्र प्रदेश से राज्यसभा की सदस्य रहीं।
अरुण जेटली थे पूर्व वित्त मंत्री
निर्मला से पहले अरुण जेटली केंद्रीय वित्त मंत्री थे। जेटली ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए नई सरकार में कोई जिम्मेदारी नहीं दिए जाने का अनुरोध किया था।
जेटली की चिट्ठी पढ़ें…
आपके नेतृत्व में पांच साल सरकार का हिस्सा रहना मेरे लिए बहुत सम्मान और गर्व की बात है। इस दौरान मुझे बहुत कुछ सीखने का अवसर मिला। इससे पहले एनडीए की पहली सरकार में भी मुझे काम करने का सौभाग्य मिला। पार्टी संगठन और यहां तक कि विपक्ष में भी जिम्मेदारी दी गई। मैंने इससे अधिक कभी कुछ नहीं चाहा। मैं करीब 18 माह से गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों से जूझ रहा हूं। डॉक्टरों ने अधिकांश मौकों पर मुझे इन चुनौतियों से उबारा है।
चुनाव प्रचार अभियान पूरा होने और आपके केदारनाथ यात्रा पर रवाना होने के पहले मैंने आपसे मौखिक रूप से अनुरोध किया था कि प्रचार अभियान के दौरान पार्टी ने मुझे जो जिम्मेदारी सौंपी, उसे मैंने पूरा किया। लेकिन भविष्य में मैं किसी जिम्मेदारी से दूर रहना चाहूंगा, ताकि मैं अच्छे से अपना इलाज करा सकूं और स्वास्थ्य लाभ ले सकूं। आपके नेतृत्व में भाजपा और एनडीए ने शानदार जीत दर्ज की है। नई सरकार कल अपना कार्यभार संभालेगी।
मैं आपसे अब औपचारिक रूप से आग्रह कर रहा हूं कि मुझे अपने लिए, अपने इलाज के लिए, अपने स्वास्थ्य के लिए समय देने और अभी नई सरकार में शामिल नहीं होने की अनुमति दी जाए। सरकार में नहीं हाेने पर मेरे पास काफी वक्त होगा और सरकार एवं पार्टी के लिए मैं अनौपचारिक रूप से कुछ ना कुछ करता रहूंगा।