मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी गठबंधन सहयोगी भाजपा की तरफ से चुनाव लड़ रहीं प्रज्ञा ठाकुर के महात्मा गांधी पर दिए बयानों को लेकर कड़ा रुख कर लिया है। मतदान करने आए जेडीयू अध्यक्ष नीतीश ने पत्रकारों से कहा कि प्रज्ञा ठाकुर को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। भाजपा को उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। नीतीश के इस रुख क बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि पार्टी इस संबंध में गंभीर है और प्रज्ञा के खिलाफ शीघ्र अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।
अपने पुत्र के साथ मतदान करने पहुंचे नीतीश ने कहा कि महात्मा गांधी को लेकर इस तरह के बयानों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। हालांकि ये भाजपा का अंदरूनी मामला है, लेकिन प्रज्ञा के ऐसे बयान को लेकर उन्हें पार्टी से निकालने पर भाजपा को विचार करना चाहिए। नीतीश ने कहा कि चुनाव में जिस तरह की भाषा का उपयोग किया गया, वो लोकतंत्र के लिए ठीक नही है। चुनावी भाषा में मर्यादा होनी चाहिए।
नीतीश ने कहा कि कुछ भी हो केंद्र में एनडीए की सरकार ही बनेगी। उसमें जेडीयू भी शमिल होगी। उन्होंने कहा, 2019 का लोकसभा चुनाव बहुत लंबा हुआ, जो ठीक नहीं है। चुनाव के चरण कम होने चाहिए। फरवरी, मार्च या फिर नवंबर और दिसंबर में चुनाव होने चाहिए, क्योंकि अप्रैल और मई में बहुत गर्मी होती है। इससे मतदाताओं को परेशानी होती है। नीतीश ने कहा कि मैं इस पर हर पार्टी अध्यक्ष को पत्र लिखूंगा और इस पर एक बैठक होनी चाहिए।
विशेष राज्य की मांग मुद्दा थी और रहेगी
नीतीश ने कहा कि बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग मुद्दा थी और रहेगा। उनकी मानें तो बिहार को हर हाल में विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। नीतीश ने दोहराया कि मेरी पार्टी धारा 370 को हटाने के समर्थन में नहीं है।