लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण से पहले बंगाल की सियासत सुलग गई है. कोलकाता में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान हुए बवाल के बीच मशहूर शिक्षा शास्त्री ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा टूटने का मुद्दा भी गरमा गया है. तृणमूल कांग्रेस जहां बीजेपी कार्यकर्ताओं पर प्रतिमा तोड़ने का आरोप लगा रही है, वहीं अब अमित शाह ने खुद कुछ तस्वीर जारी कर यह दावा किया है कि विद्यासागर की मूर्ति को तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने तोड़ा है.
14 मई की शाम कोलकाता की सड़कों पर मचे इस बवाल के बाद आज दिल्ली में अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरा घटनाक्रम बताया. अमित शाह ने कहा, ‘अब तक चुनाव के 6 चरण समाप्त हो चुके हैं लेकिन बंगाल के सिवाय देशभर में कहीं कोई हिंसा नहीं हुई है. ममता बनर्जी का आरोप है कि हिंसा बीजेपी ने की है. मैं ममता बनर्जी को बताना चाहता हूं कि आप सिर्फ 42 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं और बीजेपी हर राज्य में चुनाव लड़ रही है लेकिन किसी भी राज्य में हिंसा नहीं हुई. जबकि सभी 6 चरणों में बंगाल में हिंसा हुई, इससे साफ होता है कि हिंसा का कारण टीएमसी ही है. अगर बीजेपी हिंसा कर रही होती तो बाकी राज्यों में भी ऐसा होता’.
तृणमूल पर हिंसा फैलाने का आरोप लगाते हुए अमित शाह ने ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ने के लिए भी टीएमसी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार बताया. शाह ने एक तस्वीर दिखाते हुए कहा, ‘इस तस्वीर में दिखाई दे रहा है कि कॉलेज का गेट बंद है और बीजेपी कार्यकर्ता बाहर थे. गेट बंद है, टूटा नहीं है. जहां प्रतिमा रखी थी, वो दो कमरों के अंदर है. शाम साढ़े सात बजे की यह घटना है. कॉलेज बंद हो चुका था, फिर अंदर जाकर किसने दरवाजे खोले और मूर्ति तोड़ी. कमरे का ताला भी नहीं टूटा है. फिर कमरे की चाबी किसने दी. ये सारे सबूत बताते हैं कि प्रतिमा को टीएमसी के गुंडों ने तोड़ा है’.
अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी ने हमदर्दी पाने के लिए ईश्वरचंद विद्यासागर की प्रतिमा को तोड़ने की साजिश की है. बता दें कि ईश्वरचंद्र विद्यासागर मशहूर शिक्षा शास्त्री व समाज सुधारक थे और बंगाल में उनको बहुत सम्मान प्राप्त है. यही वजह है कि मूर्ति टूटने के बाद ममता बनर्जी ने तुरंत यूनिवर्सिटी जाकर हालात का जायजा लिया और पूरी टीएमसी ने इस घटना को बंगाल के गौरव से जोड़ते हुए बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.