कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘चौकीदार चोर है’ वाले बयान को लेकर अवमानना मामले में माफी मांग ली. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने ताजा हलफनामा में बिना किसी शर्त माफी मांगी है. राहुल गांधी ने अपने माफीनामे में कहा, ‘कोर्ट का अपमान करने की न तो मेरी कोई मंशा थी और न ही मैंने जानबूझ कर ऐसा किया था. मैं अदालत की न्यायिक प्रक्रिया में किसी तरह की बाधा नहीं पहुंचाना चाहता था. भूलवश मुझसे ये गलती हुई है. लिहाजा इसके लिए मैं क्षमा चाहता हूं.’
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के बिना शर्त माफीनामे को स्वीकार कर लिया और कहा कि उनको इस भूल के लिए क्षमा किया जाए. दरअसल, हाल ही में राहुल गांधी ने एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर करारा हमला बोला था और राफेल डील में घोटाला करने का आरोप लगाया था. साथ ही कहा था कि अब सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार चोर है. इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी की नेता मीनाक्षी लेखी ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी.
इसके बाद शीर्ष अदालत ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को नोटिस जारी करते जवाब तलब किया था. इस अवमानना मामले पिछली बार राहुल गांधी की तरफ से सीनियर एडवोकेट और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी कोर्ट के सामने पेश हुए थे. साथ ही सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था.
इस हलफनामा में राहुल गांधी ने तीन गलतियां मानी थी. उन्होंने कहा था, ‘मैं कोर्ट के आदेश को ठीक से समझ नहीं सका था. मैंने जनता के बीच अपने नारे से कोर्ट के ऑर्डर को जोड़ा. मैं इसके लिए खेद (Regret) व्यक्त कर चुका हूं.’
हालांकि ये दलील सुप्रीम कोर्ट के गले नहीं उतरी और उसने मामले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को जमकर फटकार लगाई थी. चीफ जस्टिस ने राहुल गांधी से कहा था, ‘आप कोर्ट के हवाले से किसी पर आरोप कैसे लगा सकते हैं?’ शीर्ष अदालत ने कहा था कि खेद (Regret) से काम नहीं चलेगा और माफी मांगनी पड़ेगी.
इस पर राहुल गांधी की ओर से कोर्ट में पेश अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘खेद जताना भी माफी मांगना ही है. मैं डिक्शनरी भी दिखा सकता हूं.’ राहुल गांधी ने कहा, ‘मेरे बयान पर आशंका नहीं जताई जा सकती है. मैं हलफनामे में तीन गलतियां मानता हूं और इसके लिए माफी मांगता हूं.’