
बड़वानी। आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है आज के दौर की महत्वूर्ण आवश्यकता आजीविका की खोज है जिसे हम गांव में न खोजकर तथा स्थानीय संसाधनों को दरकिनार कर बाहर शहरों में खोज रहे हैं, जबकि शहरी लोग ग्रामों में आजीविका के संसाधन खोजने आते हैं, आवश्यकता है तो बस एक अदद प्रयास के साथ कार्य की शुरूवात की जिसे हम सकारात्मक सोच के साथ निश्चित ही विकास के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। उक्त बातें पूर्व कुलपति एवं आशाग्राम ट्रस्ट बड़वानी के सचिव डॉ. शिवनारायण यादव ने पाटी ब्लॉक से आशाग्राम भ्रमण पर आए ग्रामीणों से कही।
इफीकोर स्वयं सेवी संस्था पाटी ब्लॉक में आजीविका के साथ-साथ शासन की योजनाओं को ग्रामीणों तक पहुंचाने एवं उन्हें जागरूक कर योजनाओं से जोडऩे का कार्य कर रही है। संस्था के समन्वयक जैम्स ने बताया कि महिलाओं के लिए स्वयं सहायता समूह बनाए गए है वहीं उन्हें सिलाई एवं लाख की चुडिय़ों के निर्माण हेतु प्रशिक्षण प्रदान कर आजीविका से जोड़ा गया है।
भ्रमण दल ने आशाग्राम में कृत्रिम उपकरण निर्माण केन्द्र में दिव्यांगों के लिए बनाए जा रहे उपकरणों को देखा और इकाई प्रभारी मणीराम नायडू से उपकरणों की उपयोगिता समझाई तथा इक्कीस प्रकार की दिव्यांगता श्रेणी की जानकारी दी। सभी सदस्यों ने दरी बुनाई केन्द्र, नर्सिंग कॉलेज, वृद्धाश्रम आदि इकाईयों का भ्रमण कर जानकारी प्राप्त की।
इस दौरान आशाग्राम ट्रस्ट के डॉ. आर.सी. चोयल, सचिन दुबे, मनीश पाटीदार, नरेन्द्रसिंह सिसौदिया, हिमांशु वाबले आदि उपस्थित थे।
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