नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में नई नैशनल इलेक्ट्रोनिक्स पॉलिसी को मंजूरी दी, जिसके जरिये 2025 तक 26 लाख करोड़ रुपए का इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार का कहना है कि इससे एक करोड़ नौकरियां भी पैदा होंगी।
गौरतलब है कि नैशनल इलेक्ट्रोनिक्स पॉलिसी 2012 में लागू हुई थी। अब सरकार इस नीति को नए सिरे से लागू करने जा रही है। सूचना व प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बताया, ‘हमने 2025 तक 400 अरब डॉलर का इकोसिस्टम तैयार करने का लक्ष्य रखा है।
इससे 1 करोड़ लोगों को नौकरी मिलेगी।’ इस नीति के तहत 2025 तक 100 करोड़ मोबाइल हैंडसेट को मैन्युफैक्चर करने का लक्ष्य रखा गया है। इनकी कीमत 13 लाख करोड़ रुपए होगी। इसमें 7 लाख करोड़ रुपए के एक्सपोर्ट होने वाले 60 करोड़ मोबाइल फोन शामिल होंगे।
रवि शंकर ने बताया कि जब मई 2015 में उनकी सरकार सत्ता में आई तो देश में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन की ग्रोथ रेट 5.5 फीसदी थी। 2017-18 में यह बढक़र 26.5 फीसदी हो गई। अब सरकार ने इस ग्रोथ रेट का बढ़ाकर 32-33 फीसदी बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
इस नीति के तहत रक्षा क्षेत्र, मेडिकल और एविएशन क्षेत्र के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम तैयार करने का खाका भी तैयार किया गया है। इसके साथ ही नेशनल साइबर सिक्योरिटी प्रोफाइल को बेहतर बनाने के लिए भरोसेमंद इलेक्ट्रॉनिक्स इनिशिएटिव को प्रमोट करने की भी बात तय की गई।