ग्वालियर :
शहर में जितने भी मैरिज गार्डन हैं, उनके संचालक यह ध्यान दें कि नियमों के तहत मैरिज गार्डनों का संचालन होना चाहिए, अन्यथा संचालकों के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी। किसी आयोजक को मैरिज गार्डन बुकिंग के दौरान पूरे नियमों की जानकारी भी दें, ताकि आयोजक नियमों से परिचित रहे। यदि आयोजक द्वारा भी जानबूझकर अनदेखी की जाती है तो संचालक के साथ-साथ आयोजक पर भी कार्रवाई हो सकती है। यह निर्देश कलेक्टर श्री भरत यादव ने मैरिज गार्डन संचालकों को दिए हैं।
सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में जिले में चल रहे विभिन्न मैरिज गार्डनों के संचालक अथवा उनके प्रतिनिधि एवं संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
कलेक्टर श्री यादव ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि मैरिज गार्डन संचालक सतर्क हो जाएं। रात्रि 10.30 के बाद डीजे नहीं बजना चाहिए, नहीं तो कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी। ट्रैफिक की व्यवस्था के लिए भी पर्याप्त अमला गार्डनों में रहे। प्रत्येक गार्डन में पार्किंग के लिए कम से कम 20 प्रतिशत एरिया होना चाहिए। अग्निशमन यंत्र, सीसीटीव्ही कैमरे, साफ-सफाई, कचरा प्रबंधन एवं आने-जाने के लिए अलग-अलग द्वार होना चाहिए। क्योंकि शादी समारोह के समय गार्डनों में पर्याप्त प्रबंधन न होने के कारण सड़कों पर ट्रैफिक की समस्या उत्पन्न हो जाती है। संचालकों की भी जिम्मेदारी है कि वे पर्याप्त व्यवस्था बनाएं।
इसके साथ ही कलेक्टर श्री यादव ने डायवर्सन वसूली की राशि जमा करने के लिए सात दिन का समय दिया है। अन्यथा संचालकों को नोटिस जारी किए जायेंगे। यह भी कहा है कि आगामी माह में बोर्ड परीक्षाएं हैं। इसलिए शादी समारोहों में निर्धारित समय के बाद लाउड स्पीकर का उपयोग नहीं होना चाहिए। बैठक में उपस्थित पुलिस अधीक्षक श्री नवनीत भसीन ने कहा कि पुलिस एवं प्रशासन के सहयोग के साथ काम किया जाए। ट्रैफिक पुलिस के साथ-साथ मैरिज गार्डन संचालक भी नियमानुसार काम करें। अपने गार्डनों में पार्किंग व्यवस्था के लिए लोगों को तैनात करें। उन्होंने बैठक में उपस्थित सभी सीएसपी को भी निर्देश दिए हैं कि अपने-अपने क्षेत्रों में विभिन्न संचालकों एवं डीजे साउण्ड वालों के साथ बैठक कर लें और उन्हें हिदायत दें कि नियमानुसार काम करें, अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहें।