नई दिल्ली
सरकार को ईरान में भारत की मदद से बने रणनीतिक चाबहार बंदरगाह को जल्द ही पूरी तरह चालू किए जाने की उम्मीद है. यह बंदरगाह ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित है. साथ ही भारत ने ईरान के एक बैंक को मुंबई में अपनी शाखा स्थापित करने की स्वीकृति भी दी है जो जल्द ही शुरू की जा सकती है.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भारत यात्रा पर आए ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ के साथ राजधानी में मंगलवार को बैठक के बाद यह जानकारी दी. गडकरी के पास जहाजरानी, सड़क परिवहन और राजमार्ग जैसे विभागों की जिम्मेदारी है.
गडकरी ने कहा, ‘चाबहार बंदरगाह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. हम इस पर बहुत मेहनत से काम कर रहे हैं. कुछ समस्याएं थी, लेकिल ईरान की सरकार और मंत्री भी जल्द से जल्द इनके समाधान करने की प्रक्रिया में है. मुझे भरोसा है कि बहुत जल्द चाबहार बंदरगाह को पूरी तरह परिचालन में लाने की स्थिति में होंगे.’
कहां है चाबहार बंदरगाह
दक्षिणी ईरान में ओमान की खाड़ी के तट पर स्थित यह बंदरगाह रणनीतिक रुप से बेहद अहम है. देश के पश्चिमी तट से यहां तक आसानी से पहुंचा जा सकता है. इसे पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह का जवाब माना जा रहा है जो चाबहार से मात्र 80 किलोमीटर दूर है. भारत ने इस बंदरगाह के लिए 8.5 करोड़ डॉलर की मशीनों की खरीद का आर्डर जारी कर रखा है.
बैंक शाखा की अनुमति
इससे पहले गडकरी ने ईरानी विदेश मंत्री के साथ बैठक में विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की. भारत ने ईरान के पसरगाद बैंक को मुंबई में अपनी शाखा खोलने की अनुमति दी है. गडकरी ने बताया कि पसरगाद अगले तीन महीने में यह शाखा चालू करेगा. भारतीय रिजर्व बैंक इस शाखा को खोलने के लिए सारी अनुमतियां पहले ही दे चुका है.
जरीफ ने कहा, ‘हमें खुशी है कि भारत के यूको बैंक और ईरान के पसरगाद बैंक ने आपस में काम करना शुरू कर दिया है.’ दोनों बैंक चाबहार बंदरगाह के परिचालन से जुड़े लेनदेन के लिए सेवा प्रदान करेंगे. नितिन गडकरी ने कहा कि ईरान के मंत्री के साथ हमारी अच्छी बातचीत हुई. चाबहार का आंशिक परिचालन हमने पहले शुरू कर दिया है और यहां माल आना शुरू हो गया है. पहला जहाज ब्राजील से माल लेकर आया. वहां परिचालन के लिए वित्त का प्रबंध पूरा किया जा चुका है.’
यह पहली दफा है जब भारत अपनी भौगोलिक सीमाओं से बाहर किसी बंदरगाह का परिचालन कर रहा है. भारत सरकार ने 24 दिसंबर 2018 को ईरान में चाबहार त्रिपक्षीय समझौता बैठक के दौरान शहीद बेहेश्ती बंदरगाह (चाबहार बंदरगाह ) के एक हिस्से के परिचालन का दायित्व संभाल लिया है.
भारत, ईरान और अफगानिस्तान के प्रतिनिधियों ने संयुक्त तौर पर इसके परिचालन के लिए विशेष तौर पर बनाए गए निकाय ‘इंडियन पोर्ट्स ग्लोबल चाबहार फ्री जोन’ (आईपीजीसीएफजेड) के चाबहार स्थित कार्यालय का उद्घाटन किया था. गडकरी ने कहा कि ईरान के मंत्री ने कई प्रस्ताव दिए हैं और इसमें दोनों देशों के बीच वस्तु विनिमय के माध्यम से व्यापार करने का प्रस्ताव भी शामिल है.
गडकरी ने कहा, ‘उन्हें बड़ी मात्रा में इस्पात चाहिए, विशेष तौर पर रेल इस्पात और लोकोमोटिव इंजन और वह हमें यूरिया की आपूर्ति करने के लिए तैयार हैं. भारत ईरान को रेल इस्पात और ईरान भारत को यूरिया उपलब्ध करा सकता है. रेलवे लाइन के लिए इरकॉन को काम करना है. हमें लोकोमोटिव इंजन का प्रस्ताव मिल चुका है.’
ईरान के मंत्री जरीफ ने कहा, ‘हमारे बीच चाबहार और ईरान-भारत के बीच सहयोग के अन्य क्षेत्रों को लेकर बेहद अच्छी बातचीत हुई. दोनों देश एक दूसरे को कई क्षेत्रों में सहयोग कर सकते हैं. हमें उम्मीद है कि अमेरिका के अवैध प्रतिबंधो के बावजूद भारत और ईरान दोनों देशों एवं क्षेत्र के लोगों की भलाई के लिए आगे भी सहयोग कर सकते हैं.’
Dainik Aam Sabha