नई दिल्ली।
केंद्र में सत्तासीन नरेंद्र मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले बड़ा कदम उठाते हुए केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सवर्ण जातियों को 10 फीसद आरक्षण के फैसले पर मुहर लगाई है। मोदी सरकार के इस कदम पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है।
दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (AAP) मुखिया और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार के इस निर्णय पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया- ‘चुनाव के पहले भाजपा सरकार संसद में संविधान संशोधन करे। हम सरकार का साथ देंगे। नहीं तो साफ़ हो जाएगा कि ये मात्र भाजपा का चुनाव के पहले का स्टंट है।’
राजनीति से जुड़े लोगों का मानना है कि मंगलवार को मोदी सरकार संविधान संशोधन बिल संसद में पेश कर सकती है। बता दें कि मंगलवार को ही संसद के शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन है।
गौरतलब है कि एसएसटी एक्ट पर मोदी सरकार के फैसले के बाद सवर्ण जातियों में नाराजगी और हाल के विधानसभा चुनाव में तीन राज्यों में मिली हार के मद्देनजर इसे अगड़ों को अपने पाले में लाने की कोशिश के तौर पर देखा जा सकता है।
कहा जा रहा है कि मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आरक्षण को लेकर बड़ा दांव चला है। कैबिनेट ने आर्थिक तौर पर पिछड़े सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण के प्रस्ताव को पास कर दिया है। माना जा रहा है कि एससी/एसटी आरक्षण से जुड़े अध्यादेश पर सवर्णों की नाराजगी झेल रही भारतीय जनता पार्टी ने इस प्रस्ताव से उन्हें खुश करने की कोशिश की है।
सूत्रों के मुताबिक, जिन लोगों की पारिवारिक आय 8 लाख रुपये वार्षिक से कम है, उन्हें इसका फायदा मिलेगा। सरकार ने 8 लाख का दायरा तय कर बड़ी संख्या में लोगों को इस दायरे में लाने की कोशिश की है।