नई दिल्ली:
क्या आम आदमी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस के साथ गठबंधन करेगी? यह सवाल एक बार फिर उठना शुरू हो गया है क्योंकि डीएमके नेता एम के स्टालिन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल से सोमवार दोपहर मुलाकात की.
सूत्रों के मुताबिक स्टालिन ने केजरीवाल से कहा कि ‘आप अपने मन में कांग्रेस के प्रति कोई नकारात्मक रवैया ना रखें. आज देश को महागठबंधन की जरूरत है और इस महागठबंधन में आपकी भूमिका है’. इससे पहले रविवार शाम एमके स्टालिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मिले थे
पहले भी चली है गठबंधन की बात
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन की चर्चा कुछ महीनों पहले भी सुर्खियों में आई थी लेकिन दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने इसका पुरजोर खंडन किया था. यही नहीं आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच रिश्तों में बड़ी खटास तब ज्यादा बढ़ गई थी, जब अगस्त महीने में दिल्ली के जंतर-मंतर पर राष्ट्रीय जनता दल ने एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया और कांग्रेस की तरफ से यह शर्त रख दी गई कि राहुल गांधी अरविंद केजरीवाल के साथ मंच साझा नहीं करेंगे. इसी कारण अरविंद केजरीवाल के भाषण देने के एक घंटे बाद राहुल गांधी मंच पर आए.
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इस घटना से आम आदमी पार्टी नेताओं के अहम को चोट लगी और उन्होंने तय कर लिया की उपराष्ट्रपति के चुनाव में जब तक खुद राहुल गांधी आम आदमी पार्टी का समर्थन नहीं मांगेंगे तब तक आम आदमी पार्टी कांग्रेस उम्मीदवार का समर्थन नहीं करेगी. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने समर्थन के लिए केजरीवाल से बात नहीं की लिहाजा आम आदमी पार्टी ने उपराष्ट्रपति के चुनाव से बाहर रहने का फैसला कर लिया.
गठबंधन के मायने क्या होंगे मायने?
आम आदमी पार्टी दिल्ली में इस समय सत्ता में हैं. आम आदमी पार्टी का वोट बैंक भी वही है जो कांग्रेस का हुआ करता था. ऐसे में राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि अगर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस लोकसभा के चुनाव में मिलकर लड़ेंगे तो वोटों का बंटवारा नहीं होगा. आप और कांग्रेस दोनों को फ़ायदा होगा बीजेपी दिल्ली में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएगी.
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लेकिन यह कहानी इतनी सीधी नहीं है. क्योंकि बात यह उठती है कि दिल्ली लोकसभा की सात सीट हैं और यहां आम आदमी पार्टी सत्ता में है. अगर वह कांग्रेस को गठबंधन के तहत सीटे देती है तो फिर पंजाब में भी आम आदमी पार्टी कांग्रेस से सीटें मांगेगी क्योंकि कांग्रेस पंजाब में सत्ता में हैं. पंजाब में लोकसभा की कुल 13 सीट हैं जिसमे अभी अभी 5 सीट कांग्रेस और 4 सीट आप के पास हैं. क्या कांग्रेस पंजाब में कांग्रेस के लिए सीटें देने को तैयार होगी? आपको बता दें कि पंजाब में आम आदमी पार्टी मुख्य विपक्षी पार्टी है लेकिन विधानसभा चुनाव 2017 के बाद से जबरदस्त अंदरूनी कलह से जूझ रही है.
इसी के साथ आम आदमी पार्टी हरियाणा में भी अपना चुनाव अभियान तेज़ कर चुकी है जहां पर लगभग हर हफ्ते अरविंद केजरीवाल जनसभाएं कर रहे हैं. हरियाणा में लोकसभा की 10 सीटें हैं और गठबंधन की सूरत में आम आदमी पार्टी वहां पर भी सीटें मांग सकती है. कांग्रेस के पास अभी वहां 1 सीट है. क्या कांग्रेस हरियाणा में आप के साथ सीटे बांटने को तैयार होगी? यह सब अभी बहुत जटिल सवाल हैं इसलिए गठबंधन की केवल अटकलें ही लगाई जा रही.