नई दिल्ली:
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को एनडीए से अपना नाता तोड़ लिया. इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय मंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया. इसके मद्देनजर उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की. संभावना जताई जा रही है कि वह सोमवार को महागठबंधन को लेकर होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होंगे. विपक्षी दलों की बैठक में लगभग सभी विपक्षी दल के नेता हिस्सा लेंगे. हालांकि, सूत्रों के मुताबिक बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती इससे नदारद रह सकती हैं. बता दें, इस्तीफे के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि रालोसपा अब विपक्ष से हाथ मिला सकती है, जिसमें लालू प्रसाद की राजद और कांग्रेस शामिल हैं.
उपेंद्र कुशवाहा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा, ‘मैंने आशा और उम्मीदों के साथ आपके नेतृत्व में एनडीए का साथ पकड़ा था. 2014 लोकसभा चुनाव में आपने बिहार के लोगों से जो भी वादे किए थे, उसी को देखते हुए मैंने अपना समर्थन भाजपा को दिया था.’ कुशवाहा के इस फैसले से बिहार में राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी प्रमुख पिछले कुछ सप्ताहों से भाजपा और उसके अहम सहयोगी दल के नेता, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे थे.
बता दें, रालोसपा को 2019 के लोकसभा चुनाव में दो से ज्यादा सीटें नहीं मिलने के भाजपा के संकेतों के बाद से कुशवाहा नाराज चल रहे थे. दूसरी ओर भाजपा और जदयू के बीच बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने की सहमति बनी है.