शीशा सिर्फ चेहरा देखने के काम ही नहीं आता बल्कि किसी भी घर में एक डेकोरेटिव पीस की तरह भी काम करता है। खाली दीवार पर एक शीशा और उसके साथ कुछ डेकोरेटिव छोटे पीस दीवार पर गैलरी वॉल कोलाज क्रिएट कर सकते हैं। इतना ही नहीं मिरर लाइट बैलेंस के काम भी आते हैं। मिरर्स में आपको कई ऑप्शंस मिल जाएंगे। शीशा किस जगह के लिए खरीदना है, इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। जानें किस जगह के लिए चुनें कैसा मिरर…
लिविंग रूम
लिविंग रूम के लिए मिरर चुन रही हैं तो हॉरिजॉन्टल शेप चुनें। बड़ा हॉरिजॉन्टल मिरर सोफे के ऊपर लगाने से ज्यादा स्पेस दिखाई देता है। फर्नीचर को हाइलाइट करना चाहती हैं तो सादा सा मिरर किसी भी फर्निचर के ऊपर लगाएं।
गेस्टरूम
गेस्टरूम या बेडरूम में बड़ा सा शीशा लगाएं ताकि इसमे आपको सिर से लेकर पैर तक पूरा रिफलेक्शन दिखाई दे। बेड के ऊपर राउंड वॉल मिरर भी लगा सकती हैं।
बाथरूम
बाथरूम में शीशा लगाना बेहद जरूरी है। यहां बड़ा शीशा लगवाएं। बाथरूम में सिंक के ऊपर भी शीशा लगवा सकती हैं। शीशे के ऊपर प्रॉपर लाइटिंग करना न भूलें।
एंट्रेंस
घर के एंट्रेस पर डेकोरेटिव मिरर लगा सकती हैं। फ्रेम वाले मिरर लाकर इस पर खुद भी डेकोरेशन कर सकती हैं।
ये भी ध्यान रखें
शीशा खरीदते वक्त इसके वजन का ध्यान जरूर रखें क्योंकि छोटे और हल्के शीशे तो ग्लू से चिपक जाएंगे या कील में टांगे जा सकते हैं लेकिन भारी शीशों को लगाने के लिए किसी कारीगर की मदद लें।