Sunday , June 8 2025
ताज़ा खबर
होम / देश / PSE: मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में बीजेपी को बढ़त, राजस्थान में कांग्रेस, तेलंगाना में KCR आगे

PSE: मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में बीजेपी को बढ़त, राजस्थान में कांग्रेस, तेलंगाना में KCR आगे

नई दिल्ली

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी के लगातार चौथे कार्यकाल के लिए जीत कर आने की संभावना है. वहीं राजस्थान में बीजेपी को झटका देकर कांग्रेस के सत्ता में आने के पूरे आसार है. जहां तक दक्षिणी राज्य तेलंगाना का सवाल है तो वहां मौजूदा मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव (केसीआर) का जादू लोगों के सिर चढ़ कर बोल रहा है.

इंडिया टुडे पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज (PSE) के 10वें संस्करण के मुताबिक मध्य प्रदेश में बीजेपी के जीतने की संभावना 52 फीसदी है. PSE सर्वे से संकेत हैं कि राजस्थान में बीजेपी की जीत की संभावना सिर्फ 35% है यानि यहां कांग्रेस को साफ तौर पर भारी बढ़त हासिल है. छत्तीसगढ़ में रमन सिंह की अगुआई में बीजेपी की जीत की संभावना 55% है. तेलंगाना में केसीआर की अगुआई वाली तेलंगाना राष्ट्र समिति को बंपर बढ़त हासिल है. PSE के मुताबिक केसीआर की पार्टी के चुनाव जीतने की संभावना 75% है.

मध्य प्रदेश

सर्वे के मुताबिक मध्य प्रदेश में 42% वोटरों ने माना कि मौजूदा बीजेपी सरकार को ही राज्य में अगले चुनाव के बाद एक और कार्यकाल के लिए मौका मिलना चाहिए. सर्वे में 40% प्रतिभागियों ने सरकार को बदलने के पक्ष में राय व्यक्त की. वहीं 18% इस मामले में कोई स्पष्ट राय व्यक्त नहीं कर सके.

मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी की जीत की संभावना 52% है. हालांकि मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला होने के आसार हैं. यहां दो पार्टियों के वोट शेयर के बीच 1-3% का अंतर रह सकता है. मध्य प्रदेश में बीजेपी शहरी क्षेत्रों में वोटों के भारी अंतर से जीतने की स्थिति में है. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच वोटों का अंतर कम रहेगा. मध्य प्रदेश चुनाव में बागियों का वोट काटना बड़ा फैक्टर साबित होगा. बीजेपी के लिए 2% की बढ़त सुविधाजनक नहीं मानी जाएगी. मध्य प्रदेश में विपक्षी खेमे की फूट बीजेपी की मदद कर रही है. अगर इस राज्य में कांग्रेस और बीएसपी का गठबंधन हो जाता तो उसके जीतने की संभावना कहीं अधिक होती.

मध्य प्रदेश में बीएसपी का वोट शेयर 6 फीसदी है. कांग्रेस की ओर से अगर ज्योतिर्रादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी का चेहरा घोषित किया जाता तो इससे चुनाव में उसे मदद मिलती. युवा वोटरों में ज्योतिर्रादित्य सिंधिया खासे लोकप्रिय हैं.

मध्य प्रदेश में सीएम के लिए कौन आगे?

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के लिए शिवराज सिंह चौहान लोकप्रियता के मामले में सबसे आगे हैं. हालांकि बीते दो महीने में उनकी लोकप्रियता में मामूली गिरावट आई है. सितंबर 2018 में जहां 46 फीसदी वोटर शिवराज को सीएम देखना चाहते थे, वहीं नवंबर में 44% वोटरों ने उनके पक्ष में राय व्यक्त की. शिवराज के बाद सीएम के लिए लोकप्रियता की दौड़ में कांग्रेस नेता ज्योतिर्रादित्य सिंधिया सबसे आगे हैं.

सिंधिया को जहां सितंबर 2018 में 32% वोटरों ने सीएम के लिए अपनी पसंद बताया था, वही नवंबर में ये आंकड़ा घटकर 28 फीसदी रह गया. कांग्रेस नेता कमलनाथ को सितंबर 2018 में 8% वोटरों ने मुख्यमंत्री बनाने के लिए राय व्यक्त की थी. अब नवंबर 2018 में कमलनाथ की लोकप्रियता में 2% का इजाफा हुआ है. अब 10% वोटर कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं.

सर्वे में जब प्रतिभागियों से पूछा गया कि क्या कांग्रेस की ओर से बीएसपी-एसपी से गठबंधन नहीं करना उसे भारी पड़ेगा तो 24% ने हां में जवाब दिया. 21 फीसदी वोटरों ने राय जताई कि कांग्रेस की ओर से ऐसा गठबंधन नहीं करना उसे भारी नहीं पड़ेगा. इस सवाल पर 55% वोटर कोई स्पष्ट राय नहीं व्यक्त कर सके.

सर्वे में जब पूछा गया कि क्या एससी-एसटी एक्ट के मुद्दे पर बीजेपी के परंपरागत सवर्ण वोटर उससे छिटकेंगे, इस सवाल के जवाब में 22% वोटरों ने हां में जवाब दिया. वहीं 27% वोटरों का कहना था कि ऐसा नहीं होगा. इस सवाल पर 51% वोटर कोई स्पष्ट राय नहीं जता पाए.

PSE सर्वे के तहत मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर टेलीफोन साक्षात्कार के जरिए 11,712 प्रतिभागियों की राय ली गई. ये सर्वे 22 अक्टूबर से 6 नवंबर के बीच हुआ.

राजस्थान

PSE सर्वे के निष्कर्षों के मुताबिक राजस्थान में बीजेपी को बेदखल कर कांग्रेस सत्ता पर कब्जा करने जा रही है. यहां वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार को 39% वोटर ही दोबारा मौका देने के पक्ष में हैं. वहीं 43% वोटरों का कहना है राज्य में सरकार बदली जानी चाहिए. 18% वोटर इस सवाल पर कोई स्पष्ट राय नहीं व्यक्त कर सके.

पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज सर्वे के मुताबिक राजस्थान में बीजेपी के हाथ से सत्ता खिसकने के पूरे आसार हैं. यहां मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ भारी सत्ता विरोधी रूझान दिखाई दे रहा है. इस राज्य में बीजेपी की जीत की संभावना महज 35% ही है. राजस्थान में कांग्रेस जीत के लिए आरामदायक स्थिति में है. यहां दोनों अहम पार्टियों में वोट शेयर का अंतर 3-8% रहने की संभावना है. राजस्थान में दलितों और मुसलमानों में बीजेपी को लेकर भारी नाराजगी है. राज्य में बीजेपी परंपरागत शहरी क्षेत्रों में ही जमीन खो रही है.

मुख्यमंत्री पद के लिए लोकप्रियता की बात की जाए तो कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत सबसे आगे हैं. राजस्थान में अगर बीजेपी मुख्यमंत्री के लिए पार्टी का चेहरा बदलती तो चुनाव समीकरण अलग हो सकते थे. राजस्थान में राज्य स्तर पर बेशक सत्ता विरोधी रूझान है लेकिन जहां तक केंद्र सरकार का सवाल है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता यहां लगातार बनी हुई है.

राजस्थान में मुख्यमंत्री की दौड़ में कौन आगे?

कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए लोकप्रियता की दौड़ में सबसे आगे हैं. गहलोत की लोकप्रियता शीर्ष पर बनी हुई है. गहलोत को सितंबर 2018 में 35% वोटर अगला मुख्यमंत्री बनना देखना चाहते थे. नवंबर में गहलोत की लोकप्रियता का ये आंकड़ा जस का तस बना हुआ है. दूसरी ओर, मौजूदा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की लोकप्रियता में पिछले दो महीने में 4% की गिरावट आई है. सितंबर 2018 में वसुंधरा राजे को गहलोत के बराबर ही 35% वोटरों का समर्थन हासिल था जो नवंबर में घटकर 31% ही रह गया. कांग्रेस नेता सचिन पायलट लोकप्रियता की दौड़ में तीसरे नंबर पर है. सितंबर 2018 में सचिन पायलट को 11 फीसदी वोटर मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते थे. नवंबर 2018 में भी इतने ही वोटरों ने उन्हें मुख्यमंत्री के लिए अपनी पसंद बताया.

PSE सर्वे के तहत राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों पर टेलीफोन साक्षात्कार के जरिए 10,136 प्रतिभागियों की राय ली गई. ये सर्वे 22 अक्टूबर से 6 नवंबर के बीच हुआ.

तेलंगाना  

PSE सर्वे के मुताबिक तेलंगाना में मुख्यमंत्री केसीआर के नेतृत्व में तेलंगाना राष्ट्र समिति फिर सत्ता में वापस करने जा रही है. सर्वे में 44% वोटरों के मुताबिक मौजूदा सरकार को ही सत्ता में दोबारा मौका देना चाहिए. वहीं 34% वोटरों की राय में राज्य में सरकार बदली जानी चाहिए. इस मामले में 22% वोटर कोई स्पष्ट राय नहीं व्यक्त कर सके.

तेलंगाना में लोकप्रियता के मामले में मौजूदा मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव (केसीआर) के आसपास भी कोई मौजूद नहीं है. PSE के मुताबिक तेलंगाना में केसीआर की तेलंगाना राष्ट्र समिति पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है. सर्वे के संकेत हैं कि केसीआर की पार्टी की जीत की संभावना 75% है. यहां सत्ता पक्ष के समर्थन में भारी रुझान है जिससे केसीआर को मदद मिल रही है.

आबादी के सभी तबकों में केसीआर अपनी लोकप्रियता बनाए हुए हैं. PSE सर्वे के मुताबिक तेलंगाना में कांग्रेस और टीडीपी का गठबंधन कारगर साबित होता नहीं दिख रहा. AIMIM नेता असदुद्दीन ओवेसी हैदराबाद क्षेत्र में कांग्रेस की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

तेलंगाना में सामाजिक कल्याण योजनाओं से सत्तारूढ़ पार्टी को चुनाव में लाभ मिलने जा रहा है. इसके अलावा केसीआर का चुनाव को निर्धारित समय से पहले ही कराने का फैसला मास्टरस्ट्रोक साबित होता नजर आ रहा है.

तेलंगाना में सीएम की दौड़ में कौन आगे?

सीएम के लिए लोकप्रियता के मामले में केसीआर लगातार भारी बढ़त बनाए हुए. बीते दो महीने में उनकी लोकप्रियता में 3% का उछाल आया है. सितंबर 2018 में जहां 43% वोटर केसीआर को अगला सीएम देखना चाहते थे. नवंबर 2018 में ये आंकड़ा बढ़ कर 46% हो गया.

कांग्रेस के एन उत्तम कुमार रेड्डी लोकप्रियता में दूसरे नंबर पर है. रेड्डी की लोकप्रियता में बीते दो महीने में 7% का उछाल आने के बावजूद वो केसीआर से काफी पीछे हैं. रेड्डी को सितंबर में 18% वोटर सीएम बनते देखना चाहते थे. नवंबर में ये आंकड़ा बढ़ कर 25% हो गया. बीजेपी नेता जी किशन रेड्डी को सितंबर में 15% मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते थे. नवंबर में ये आंकड़ा बढ़कर 16% हो गया.

तेलंगाना के लिए PSE सर्वे में लोकसभा की 17 सीटों पर टेलीफोन साक्षात्कार के जरिए 6,877 प्रतिभागियों की राय ली गई. ये सर्वे 22 अक्टूबर से 6 नवंबर के बीच हुआ.

छत्तीसगढ़  

छत्तीसगढ़ में PSE सर्वे के मुताबिक रमन सिंह लगातार चौथी बार सत्ता में वापसी करने जा रहे हैं. सर्वे में 43% वोटरों ने मौजूदा बीजेपी सरकार को एक और कार्यकाल देने के पक्ष में राय व्यक्त की. वहीं 41% वोटरों ने राय जताई कि सरकार बदली जानी चाहिए. 16% वोटर सरकार को लेकर कोई स्पष्ट राय नहीं व्यक्त कर सके.

PSE सर्वे के मुताबिक रमन सिंह के चुनाव जीतने की संभावना 55% है. छत्तीसगढ़ में अजित जोगी की पार्टी और बीएसपी के गठबंधन का मैदान में होना बीजेपी के लिए फायदे का सौदा साबित हो रहा है. जोगी और बीएसपी का गठबंधन 7% वोट हासिल करता दिख रहा है. छत्तीसगढ़ में वोटों का अंतर कम रहेगा लेकिन विपक्ष के वोट बंट रहे हैं. तीन कार्यकाल से सत्ता में होने के बावजूद रमन सिंह लोकप्रियता के मामले में सबसे आगे हैं.

कांग्रेस नेता भूपेश बघेल और अजित जोगी की लोकप्रियता मिलाकर भी रमन सिंह से कम बैठती है. बीजेपी के लिए राज्य में मोबाइल वितरण योजना फायदे का सौदा साबित होने जा रही है. छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी सबसे अहम मुद्दा है. जहां तक नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र का सवाल है तो यहां बीजेपी के खिलाफ नाराजगी है.

छत्तीसगढ़ में सीएम की दौड़ में कौन आगे?

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के लिए रमन सिंह अधिकतर वोटरों की पहली पसंद बने हुए. बीते दो महीने में उनकी लोकप्रियता में 3% का उछाल आया है. रमन सिंह को सितंबर 2018 में 41% वोटर सीएम बनते देखना चाहते थे. नवंबर में ये आंकड़ा बढ़कर 44% हो गया. कांग्रेस नेता भूपेश बघेल और तीसरा विकल्प पेश करने वाले अजीत जोगी की लोकप्रियता को मिला भी दिया जाए तो रमन सिंह उस पर भारी बैठते हैं. भूपेश बघेल को सितंबर में 21% वोटर मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते थे, जो आंकड़ा नंवबर बढ़ कर 23% हो गया है. जोगी की लोकप्रियता में भी 1% का मामूली इजाफा हुआ है. जोगी के नेतृत्व में जोगी-बीएसपी-सीपीआई गठबंधन चुनाव लड़ रहा है. जोगी को सितंबर में 12% वोटरों का समर्थन हासिल था जो अब बढ़कर 13% हो गया है.

जोगी-बीएसपी-सीपीआई गठबंधन को लेकर अधिकतर वोटरों का मत है कि इसके चुनाव जीतने की संभावना नहीं है. 84% वोटरों ने सर्वे में कहा कि ये गठबंधन चुनाव नहीं जीत सकता. सिर्फ 7% वोटरों ने ही कहा जोगी-बीएसपी-सीपीआई गठबंधन चुनाव जीत सकता है.

सर्वे में 32% प्रतिभागियों की राय में जोगी के नेतृत्व वाले गठबंधन से कांग्रेस को नुकसान होगा. 17% वोटरों ने कहा कि इस गठबंधन से बीजेपी को नुकसान होगा. वहीं 25% वोटरों की राय थी कि इससे बीजेपी और कांग्रेस, दोनों को नुकसान होगा. इस सवाल पर 26% वोटर कोई स्पष्ट राय नहीं जता सके.

PSE सर्वे के तहत छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों पर टेलीफोन साक्षात्कार के जरिए 4,486 प्रतिभागियों की राय ली गई. ये सर्वे 22 अक्टूबर से 6 नवंबर के बीच हुआ.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Enable Google Transliteration.(To type in English, press Ctrl+g)

Slot Gacor Malam Ini Slot Gacor 2025 slot gacor slot dana https://pariwisata.sultraprov.go.id/ Slot777 slot thailand slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor info kabar slot gacor slot gacor slot gacor Slot Gacor Slot Gacor https://edu.pubmedia.id/ https://stikesrshusada.ac.id/ https://ijsl.pubmedia.id/ Situs Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor info kabar Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor slot gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://dakukeren.balangankab.go.id/ slot gacor slot gacor https://elearning.unka.ac.id/ https://jurnal.unka.ac.id/bo/ https://jurnal.unka.ac.id/rep/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot mahjong slot gacor pohon169 pohon169 slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://jurnal.unka.ac.id/ https://unisbajambi.ac.id/ https://sia.unisbajambi.ac.id/ https://sipp.pn-garut.go.id/ https://fatecjahu.edu.br/ https://poltekkesbengkulu.ac.id/ https://journal.unublitar.ac.id/ https://poltekkes-pontianak.ac.id/ https://conference.upgris.ac.id/ https://kabar.tulungagung.go.id/wop/ Slot Gacor 2025 Slot Gacor Hari Ini slot gacor slot gacor slot gacor
  • toto hk
  • togel hongkong
  • toto hk
  • pg77
  • situs pg77
  • pg77 login