इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच द्वारा पहले 68,500 सहायक शिक्षक भर्ती की सीबीआई जांच के आदेश देने और 12,460 प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दोबारा काउंसलिंग के फैसले के खिलाफ योगी सरकार डबल बेंच में अपील करेगी. यहां योगी सरकार सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती देगी.
मामले में देर रात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा डॉ. प्रभात कुमार से चर्चा हुई. इसके बाद डॉ. प्रभात कुमार ने कहा कि जिनको नियुक्ति पत्र मिला, उनकी नौकरी की सुरक्षा सरकार करेगी. उन्होंने कहा कि 68,500 की भर्ती की उच्च स्तरीय जांच शासन ने खुद कराई है. जांच में कहीं कोई आपराधिक कृत्य सामने नहीं आया है, लिहाजा मामले में सीबीआई जांच की आवश्यकता नहीं है.
उन्होंने कहा कि यही नहीं मामले में सभी अभ्यर्थियों को निशुल्क पुनर्मूल्यांकन का मौका दिया गया. डॉ. प्रभात कुमार ने कहा कि जांच के बाद गड़बड़ी सुधारी गई. लापरवाह अधिकारियों को निलंबित किया गया है. वहीं 12,460 की भर्ती में नियुक्ति पत्र पाने वालों को राहत के लिए हम डबल बेंच में अपील करेंगे.
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश में 68,500 बेसिक शिक्षक भर्ती की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं. मामले में हाईकोर्ट ने 26 नवम्बर तक सीबीआई से मामले की जांच की प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी है. वहीं सीबीआई को 6 महीने में जांच पूरी करनी है. बता दें कि भर्तियों में गड़बड़ी से संबंधित कई याचिकाएं हाईकोर्ट में पड़ी हैं. जस्टिस इरशाद अली ने मामले में यह आदेश दिया है.
वहीं इस फैसले अलावा जस्टिस इरशाद अली की बेंच ने 12460 बेसिक शिक्षकों का चयन भी रद्द कर दिया है. ये भर्ती अखिलेश सरकार में दिसंबर 2016 में शुरू हुई थी. हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि ये भर्तियां यूपी बेसिक एजुकेशन टीचर्स रूल्स 1981 के नियमों के अनुसार की जाएं. मामले में नए सिरे से काउंसिलिंग कराकर भर्ती की जाए. कोर्ट ने पूरी प्रक्रिया को तीन महीने के अंदर पूरी करने का आदेश दिया है. बता दें इससे पहले इस भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने में कोर्ट ने 19 अप्रैल 2018 को अंतरिम रोक लगाई थी.