नई दिल्ली:
2019 चुनाव के नजदीक आते ही सियासी उठापटक तेज हो गई है. इन सभी के बीज गुजरात में उत्तर भारतीयों पर हो रहे हमलों ने विपक्ष को बैठे बिठाए बीजेपी पर हमला करने का मौका दे दिया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी गुजरात में उत्तर भारतीयों पर हो रहे हमलों के लिए बीजेपी सरकार की नीतियों को जिम्मेदार बताया है. राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा “ग़रीबी से बड़ी कोई दहशत नहीं है. गुजरात में हो रहे हिंसा की जड़ वहाँ के बंद पड़े कारख़ाने और बेरोज़गारी है. व्यवस्था और अर्थव्यवस्था दोनो चरमरा रही है. प्रवासी श्रमिकों को इसका निशाना बनाना पूर्णत ग़लत है. मैं पूरी तरह से इसके ख़िलाफ़ खड़ा रहूँगा.
विपक्ष है बीजेपी पर हमलावर
28 सितंबर को गुजरात में एक बच्ची से रेप के मामले के सामने आने के बाद प्रदेश में हिंदी भाषियों के खिलाफ हमले शुरू हो गए थे. जिसके कारण उन्हें पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा था. जिसके बाद विपक्ष के कई नेताओं ने इसके लिए बीजेपी और आरएसएस को जिम्मेदार बताया था. कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने प्रधानमंत्री को धमकी देते हुए कहा था कि मोदी को भी वोट मांगने के लिए अभी बनारस जाना पड़ेगा. वहीं बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इसके लिए आरएसएस को कसूरवार ठहराया था. वहीं अखिलेश यादव ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि हिंदी भाषियों के खिलाफ नफरत फैलाई जा रही है. इसके लिए बीजेपी जिम्मेदार है.
गुजरात की अर्थव्यवस्था को हो रहा है नुकसान
उत्तर भारतीयों के खिलाफ हो रही इस हिंसा का असर गुजरात की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है. गुजरात चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज़ ने सीएम विजय रूपाणी को चिट्ठी लिखी है. चेंबर ऑफ कॉमर्स ने मुख्यमंत्री से कहा है कि परप्रांतीय मजदूरों पर हमलों और पलायन से उत्पादन और व्यापार पर असर पड़ रहा है. इस हिंसा के कारण गांधीनगर, मेहसाणा, साबरकांठा, पाटन और अहमदाबाद में हिंदीभाषियों हमले हुए. इसके बाद कई उत्तर भारतीय मजदूरों ने गुजरात से पलायन करना शुरू कर दिया.
राज्य सरकार का कहना है कि हिंसा की घटनाओं के सिलसिले में 400 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गुजरात के साबरकांठा में बलात्कार के मामले में बिहार के एक प्रवासी श्रमिक को गिरफ्तार किए जाने के बाद हिंसा की शुरूआत हुई थी.