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कौन है साजिद जट्ट? पहलगाम हमले में पाकिस्तानी हैंडलर का रोल और उसके आका

 नई दिल्ली

एनआईए यानी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने सोमवार (15 दिसंबर) को जम्मू की एक कोर्ट में पहलगाम आतंकी हमला मामले में सात लोगों पर आरोप लगाए हैं. इसमें पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) आतंकी संगठनों के पाकिस्तानी हैंडलर और आतंकवादी साजिद जट्ट भी शामिल है. 

NIA की चार्जशीट में तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों- सुलेमान शाह, हबीब ताहिर उर्फ ​​जिब्रान और हमजा अफगानी का भी नाम है, जिन्हें जुलाई में श्रीनगर के पास सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मार गिराया गया था.

चार्जशीट में पाकिस्तान की साज़िश, आरोपियों की भूमिका और मामले में सहायक सबूतों का जिक्र किया गया है. इसके साथ ही, LeT/TRF पर पहलगाम हमले की योजना बनाने, सुविधा देने और उसे अंजाम देने में उनकी भूमिका के लिए आरोप लगाए गए हैं. 

साजिद जट्ट कौन है?

साजिद जट्ट, LeT का एक टॉप कमांडर है, जो पहलगाम हमले का मुख्य हैंडलर है. एनआईए ने 1,597 पन्नों की चार्जशीट में उसका नाम शामिल किया है. साजिद जट्ट को कई दूसरे नामों से भी जाना जाता है, जैसे- सैफुल्लाह, नुमी, नुमान, लंगड़ा, अली साजिद, उस्मान हबीब और शनि. अक्टूबर 2022 में उसे UA(PA) कानूनों के तहत 'व्यक्तिगत आतंकवादी' घोषित किया गया था.

जांच एजेंसियों को शक है कि साजिद जट्ट पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में LeT के हेडक्वार्टर से काम करता है. वह न सिर्फ TRF का ऑपरेशनल चीफ है, बल्कि कश्मीर घाटी में भर्ती, फंडिंग और घुसपैठ के लिए भी ज़िम्मेदार है.

साजिद जट्ट से जुड़े कुछ बड़े हमले हैं- 2023 का ढांगरी नरसंहार (वह इसका मुख्य साज़िशकर्ता था), मई 2024 में पुंछ में एयर फ़ोर्स के काफिले पर हमला और जून 2024 में रियासी बस हमला.

साजिद जट्ट पर हाइब्रिड आतंकवादियों को लॉजिस्टिकल और ऑपरेशनल मदद देने का भी आरोप है. उसे कश्मीर में आतंकवादी नेटवर्क का सबसे खतरनाक चेहरा माना जाता है.

कौन सी धारा लगाई गई?

अपनी चार्जशीट में, NIA ने आरोपियों के खिलाफ भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए दंडात्मक धारा भी लगाई है. इसके अलावा, दो और संदिग्ध – परवेज़ अहमद और बशीर अहमद के खिलाफ भी चार्जशीट दायर की गई है. इनकों NIA ने 22 जून को तीन आतंकवादियों को पनाह देने के आरोप में गिरफ्तार किया था.

पूछताछ के दौरान, दोनों ने पहलगाम हमले में शामिल तीनों आतंकवादियों की पहचान बताई थी और यह भी कन्फर्म किया था कि वे पाकिस्तानी नागरिक थे और LeT से जुड़े थे.