जम्मू-कश्मीर
पहलगाम हमले के लगभग 8 महीने बाद जम्मू की विशेष अदालत में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। एनआईए की जांच में पाया गया कि इस हमले में सीधे तौर पर शामिल तीन आतंकवादी सेना के ऑपरेशन महादेव में मारे गए थे। इन आतंकवादियों के नाम सुलेमान शाह (उर्फ फैजल जट्ट या हाशिम मूसा), हमजा (उर्फ हमजा अफगानी) और जिब्रान (उर्फ जिब्रान भाई) थे। इसके अलावा, हमले से एक दिन पहले आतंकवादियों को लॉजिस्टिक्स सपोर्ट, पनाह और भोजन उपलब्ध कराने वाले बशीर अहमद जोठर, परवेज अहमद जोठर और मोहम्मद यूसुफ कटारी के नाम भी चार्जशीट में शामिल किए गए हैं। चार्जशीट में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और उसके प्रॉक्सी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) का भी नाम लिया गया है।
एनआईए की जांच में पता चला कि बशीर और परवेज स्थानीय निवासी हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इन दोनों ने आतंकियों को 21 अप्रैल की रात हिल पार्क इलाके के एक ढोक (झोपड़ी) में ठहराया था। इन दोनों भाइयों को हमले के लगभग दो महीने बाद 22 जून को गिरफ्तार किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, जोठर भाइयों के फोन से कुछ पाकिस्तानी नंबर मिले थे। एनआईए के अनुसार, इन व्यक्तियों पर उन तीन आतंकवादियों को शरण देने का आरोप है जिन्हें जुलाई में भारतीय सेना ने मार गिराया था। गिरफ्तार किए गए दो व्यक्तियों (परवेज अहमद जोठर और बशीर अहमद जोठर) ने इन तीन हमलावरों की पहचान पाकिस्तान के नागरिकों के रूप में की थी जो प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे।
गौरतलब है कि पहलगाम हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने सात मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे। इस अभियान को 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम दिया गया था। इस अभियान में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालयों तथा प्रशिक्षण केंद्रों सहित नौ स्थानों को निशाना बनाया गया था, जहां से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाई जाती थी।
Dainik Aam Sabha