घर खूबसूरत दिखे ये हर कोई चाहता है. कई बार घर को हम सजा तो लेते हैं लेकिन वास्तु के नियमों की अनदेखी कर देते हैं. जाने- अनजाने में की गई यह अनदेखी कई बार भारी पड़ जाती है. क्योंकि कुछ चीजें पॉजिटिव ऊर्जा वाली होती हैं तो कुछ चीजें निगेटिव ऊर्जा वाली होती हैं. इसलिए, घर की सजावट करते समय यह ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि कौन सी वस्तु कहां रखी जाए, ताकि घर में हमेशा सकारात्मकता और सुख-समृद्धि बनी रहे.
सही मूर्तियों को घर में रखने से न सिर्फ सौंदर्य बढ़ता है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा का संतुलन भी बना रहता है. साथ ही, मूर्तियों को रखने की दिशा और स्थान भी वास्तु शास्त्र के अनुसार बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं.
गणेश जी की मूर्ति
गणेश जी को विद्या, बुद्धि और बाधाओं को दूर करने वाला माना जाता है. इन्हें हमेशा घर के मुख्य द्वार के पास या पूजा स्थान में रखा जाता है.उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा गणेश जी की मूर्ति रखने के लिए सबसे शुभ मानी जाती है.
लक्ष्मी माता की मूर्ति
लक्ष्मी माता धन और समृद्धि की देवी हैं. इन्हें घर के धन स्थान (तिजोरी या कैश अलमारी) या पूजा स्थान में रखें. इन्हें उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में रखना शुभ होता है.
व्यास या बुद्ध की मूर्ति
बुद्ध की मूर्ति घर में शांति और सकारात्मक ऊर्जा लाती है. इसे हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा में रखें और इसका सामना प्रवेश द्वार की ओर न हो. इससे घर में मानसिक शांति और एकाग्रता बढ़ती है.
सिंह या रक्षक देवता की मूर्ति
सिंह या अन्य रक्षक देवता की मूर्ति घर में सुरक्षा और ताकत का प्रतीक हैं. इसे घर के मुख्य द्वार के पास या उत्तर-पश्चिम दिशा में रखें. यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में मदद करती है.
हंसों का जोड़ा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में हंसों के जोड़े की मूर्ति लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है. यह दांपत्य जीवन में प्रेम, विश्वास और सामंजस्य बढ़ाने में मदद करता है. बेडरूम में हंसों की जोड़ी रखना विशेष रूप से लाभकारी होता है. वहीं, गेस्ट रूम में यह मूर्ति रखने से घर में धन-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है.
Dainik Aam Sabha