नई दिल्ली
खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने उन सभी फ्रूट-बेस्ड ड्रिंक्स, रेडी-टू-सर्व बेवरेज, एनर्जी ड्रिंक्स और इलेक्ट्रोलाइट पेयों पर शिकंजा कस दिया है, जिनके नाम में ‘ORS’ शब्द का इस्तेमाल हो रहा है। अथॉरिटी ने जारी आदेश में ऐसे सभी उत्पादों को तुरंत बाजार से हटाने का निर्देश दिया है।
पहले ही रोक थी, फिर भी चल रही थी बिक्री
FSSAI ने कहा कि कई कंपनियां रिटेल स्टोर और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर ऐसे ड्रिंक्स बेच रही थीं, जबकि 14 अक्टूबर के आदेश और 15 अक्टूबर की स्पष्टीकरण में ‘ORS’ शब्द के इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा चुका है। किसी भी फूड प्रोडक्ट—चाहे वह जूस हो, नॉन-कार्बोनेटेड ड्रिंक हो या रेडी-टू-ड्रिंक—को अपने नाम में ‘ORS’ रखने की अनुमति नहीं है। FSSAI ने स्पष्ट किया कि ऐसा करना फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट, 2006 का सीधा उल्लंघन है।
तुरंत निरीक्षण के आदेश
अथॉरिटी ने अपने अधिकारियों को देशभर में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और रिटेल दुकानों पर तत्काल जांच अभियान चलाने का निर्देश दिया है। लक्ष्य उन सभी गैर-अनुपालन उत्पादों की पहचान करना जो ‘ORS’ शब्द का गलत उपयोग कर रहे हैं।
उल्लंघन मिलने पर:
ऐसे उत्पादों को तुरंत बिक्री से हटाया जाए
संबंधित कंपनियों पर नियामकीय कार्रवाई की जाए
पूरी कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट FSSAI को भेजी जाए
साथ ही FSSAI ने यह भी स्पष्ट किया कि WHO द्वारा अनुशंसित असली ORS दवा उत्पादों के वितरण या बिक्री में किसी भी तरह की बाधा न आए।
गलत लेबलिंग पर सख्त कार्रवाई
अथॉरिटी ने कहा कि यह कार्रवाई केवल उन फूड प्रोडक्ट्स पर केंद्रित होगी जो ORS नाम का दुरुपयोग कर उपभोक्ताओं को भ्रमित कर रहे हैं।
दिल्ली हाई कोर्ट का भी समर्थन
बीते 31 अक्टूबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने भी FSSAI के इस प्रतिबंध में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया था। अदालत ने कहा कि नकली या भ्रामक ORS लेबल वाले उत्पाद सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा हैं, इसलिए व्यापारिक हितों से पहले जनता की सेहत को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। मामला Dr. Reddy's Laboratories की उस याचिका से जुड़ा था, जिसमें कंपनी ने ORS नाम वाले अपने पेयों पर लगी रोक को चुनौती दी थी।
सिर्फ WHO-स्टैंडर्ड वाले ORS को मंजूरी
FSSAI का कहना है कि ‘ORS’ शब्द सिर्फ उन्हीं फॉर्मूलेशन के लिए मान्य है जो WHO द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप हों और चिकित्सकीय उपयोग के लिए स्वीकृत हों—बेवरेज मार्केटिंग के लिए नहीं।
Dainik Aam Sabha