बैतूल
बैतूल पुलिस ने साइबर ठगों के शातिर गिरोह का खुलासा किया है। आरोपित अलग अलग तरीकों से ठगी करते थे और यह रकम निकालने के लिए ग्रामीणों के जनधन खाते इस्तेमाल करते थे। इस काम में बैंक का अस्थायी कर्मचारी भी उनकी मदद करता था। पुलिस ने बैंककर्मी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनसे दो लैपटाप, 11 बैंक पासबुक, 21 एटीएम कार्ड, 15 मोबाइल, 25 सिम, दो पीओएस मशीनें और 28 हजार रुपये नकद बरामद किए हैं।
चार माह में 1.5 करोड़ का लेनदेन
पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र जैन के मुताबिक 14 अक्टूबर 2025 को कनारा के मजदूर बिसराम इवने ने शिकायत की थी। खेड़ी सांवलीगढ़ स्थित बैंक आफ महाराष्ट्र में खुले उसके जन धन खाते से चार माह (जून से अक्टूबर तक) में लगभग 1.5 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ।
पुलिस ने बैंक प्रबंधन के सहयोग से जांच शुरू की तो सात खातों से नौ करोड़ 84 लाख 95 हजार 212 रुपये का लेनदेन सामने आया। ये खाते बिसराम इवने, नर्मदा इवने, मुकेश उइके, नितेश उइके, राजेश बर्डे, अमोल और चंदन के थे। राजेश बर्डे का बैंकखाता उसकी मृत्यु के बाद भी संचालित किया जा रहा था।
आरोपित पांच तरीकों से करते थे ठगी
पुलिस ने अस्थायी बैंककर्मी राजा उर्फ आयुष चौहान को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने कई राज खोले। बताया कि इंदौर निवासी अंकित राजपूत के कहने पर वह ऐसे खाता धारकों की जानकारी दे देता था जो लंबे समय से लेनदेन करने नहीं आते थे। पुलिस ने गिरोह के सरगना इंदौर के नंदानगर निवासी अंकित राजपूत (32) और उसके साथी नरेन्द्र राजपूत (24) को भी गिरफ्तार किया है।
तीनों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस अधीक्षक जैन ने बताया कि आनलाइन ठगी के पांच माध्यम सामने आए हैं। इनमें गेमिंग एप, बैटिंग एप, क्रिप्टो करंसी फ्राड, फिशिंग फ्राड समेत अन्य आनलाइन ठगी माध्यम शामिल हैं।
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