देवास
मध्य प्रदेश के देवास में एक जिउ-जित्सु ( jiu-jitsu ) ऑर्गनाइजेशन के सीनियर अफसर को 35 साल की एक इंटरनेशनल महिला खिलाड़ी को परेशान करने और सुसाइड के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया.बैंक नोट प्रेस पुलिस स्टेशन के इंचार्ज अमित सोलंकी ने बताया कि जि-जित्सु प्लेयर रोहिणी कलम (35) ने 26 अक्टूबर को अपने घर में फांसी लगा ली.
उन्होंने कहा कि कलाम के परिवार के बयानों और टेक्निकल सबूतों के आधार पर जांच से पता चला कि उनके कोच और मध्य प्रदेश जि-जित्सु एसोसिएशन के प्रेसिडेंट विजेंद्र खरसोदिया और वाइस-प्रेसिडेंट प्रीतम सिंह सोलंकी उन्हें मेंटली परेशान कर रहे थे.
एथलीट की मौत के सिलसिले में दोनों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 (सुसाइड के लिए उकसाना) और दूसरे जरूरी कानूनी नियमों के तहत मामला दर्ज किया गया और सोलंकी को गिरफ्तार कर लिया गया. खरसोदिया की तलाश शुरू कर दी गई है.
प्राइवेट स्कूल में मार्शल आर्ट की कोच भी थी रोहिणी मार्शल आर्ट खिलाड़ी रोहिणी कलम के पिता महेश कलम बीएनपी के रिटायर्ड कर्मचारी हैं। रोहिणी आष्टा के निजी स्कूल में मार्शल आर्ट कोच थीं और वहीं रह रही थीं। उन्होंने 2007 में खेल जीवन की शुरुआत की थी। 2015 से पेशेवर रूप से जुजुत्सु में भाग लेने लगीं। वह जुजुत्सु संघ की महासचिव भी थीं। चार बहनों और एक भाई में सबसे बड़ी थीं। उनकी आईपीएस बनने की इच्छा थीं।
खरसोदिया कलम के कोच थे और उनकी देखरेख में उन्होंने नेशनल और इंटरनेशनल जि-जित्सु कॉम्पिटिशन में कई अवॉर्ड जीते थे.
एक और पुलिस ऑफिसर ने FIR का जिक्र करते हुए कहा कि जून में कलाम के पेट के ट्यूमर की सर्जरी होने के बावजूद आरोपी उसे बार-बार फोन करके और ट्रेनिंग करने की मांग करके परेशान करते रहे.
आरोप है कि दोनों कलम को उनकी इजाजत के बिना किसी भी कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेने नहीं देते थे और उसकी मर्जी के खिलाफ हिस्सा लेने के लिए दबाव डालते थे. इस बीच, कलम परिवार ने देवास पुलिस की जांच से नाखुशी जताई है.
रिपोर्टर्स से बात करते हुए कलम की छोटी बहन रोशनी ने कहा, "जब हमने अपनी बहन की आत्महत्या के खिलाफ प्रोटेस्ट करने की बात की, तभी पुलिस ने बुधवार को जल्दबाजी में केस दर्ज किया. मैं पुलिस की जांच से पूरी तरह नाखुश हूं और चाहती हूं कि सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन (CBI) मेरी बहन की मौत की जांच करे."
उन्होंने कहा कि खरसोदिया और सोलंकी कभी-कभी उनकी बहन की पर्सनल लाइफ में बहुत ज्यादा दखल देते थे और उन पर बेवजह दबाव डालते थे.
परिजन ने आगे दावा किया कि उनकी गुजर चुकी बहन के कमरे से एक लैपटॉप और एक पेन ड्राइव गायब है और उनके परिवार को इस बारे में पता नहीं था.
पुलिस की जांच- तनाव में थीं रोहिणी पुलिस जांच में सामने आया कि रोहिणी काफी तनाव में थीं। घटना वाले दिन भी आत्महत्या से पहले रोहिणी की प्रीतम सिंह से फोन पर बात हुई थी। इसके बाद ही यह कदम उठाया। परिवार का कहना है कि 26 अक्टूबर को कोच विजेंद्र खरसोदिया ने रोहिणी की छोटी बहन को फोन किया।
बताया था कि रोहिणी के कमरे में देखो, कुछ करने वाली है। बहन कमरे में पहुंची, तो बाहर से दरवाजा बंद था। दरवाजा तोड़कर देखा तो वह फंदे पर लटकी थी। बहन ने शोर मचाया तो अन्य लोग पहुंचे और से फंदे से नीचे उतारा। उन्हें जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। पता चला कि घटना की जानकारी मिलते ही कोच भी बेसुध हो गया था। बीपी बढ़ने के कारण वह दो दिन तक निजी अस्पताल में भर्ती रहा था।
कोचिंग के दौरान प्रीतम से मुलाकात
पुलिस के अनुसार 26 अक्टूबर को रोहिणी की मौत की सूचना मिली थी। पूछताछ में परिवार ने बताया कि रोहिणी कलम वर्ष 2009-10 से जुजुत्सु (मार्शल आर्ट्स) की ट्रेनिंग के लिए यूनिवर्सल मार्शल आर्ट्स अकेडमी जॉइन किया था। बाद में उसने M.Ped तक पढ़ाई की।
अकेडमी में विजेंद्र खरसोदिया उसके कोच थे। रोहिणी ने मार्शल आर्ट्स में नेशनल, इंटरनेशनल अवॉर्ड जीते। साल 2022-2023 में म.प्र. जुजुत्सु संघ के महासचिव भी रही, जिसमें विजेंद्र खरसोदिया अध्यक्ष (कोच) हैं।
इसी दौरान दो साल पहले रोहिणी की प्रीतम सिंह सोलंकी निवासी हाटपिपल्या देवास से पहचान हुई। प्रीतम सिंह भी म.प्र. जुजुत्सु संघ में उपाध्यक्ष था और अभी भी उसी पद पर है।
रोहिणी की उसके कोच विजेंद्र खरसोदिया और प्रीतम सिंह सोलंकी से फोन पर बात होती थी। रोहिणी को मई महीने में पेट में तेज दर्द होने लगा था, तो विजेंद्र सिंह उसे इंदौर में डॉक्टर के पास ले गए थे, जहां डॉक्टर ने पेट में गठान होना बताया था। रोहिणी का जून महीने में ऑपरेशन हुआ था, जिसके बाद वह घर पर ही रहकर आराम कर रही थी।
मर्जी से कहीं नहीं जा सकती थी रोहिणी
परिजनों का आरोप- मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर सुसाइड किया परिवार ने बताया कि डॉक्टर ने उसे आराम करने के लिए बोला था, लेकिन उसके कोच विजेंद्र खरसोदिया और प्रीतम सिंह बार-बार फोन करके परेशान करते थे। ऑपरेशन के बाद भी कोच उसे ट्रेनिंग दिलाने के लिए बुलाते रहते थे। उस पर दबाव बनाकर रखते थे। बिना पूछे कहीं भी जाने नहीं देते थे। उन्हें जहां लेकर जाना होता था, वहां रोहिणी की मर्जी के बिना भी लेकर चले जाते थे।
प्रीतम कभी भी उसे फोन लगाता रहता था। रोहिणी अगर प्रीतम का फोन नहीं उठाती, तो वह घर के अन्य सदस्य को फोन करके पूछता रहता था। रोहिणी को जब नैनीताल के टूर्नामेंट के लिए जाना था, तब वह फोन पर बात करते हुए कह रही थी कि प्रीतम को पता नहीं चलना चाहिए कि वह नैनीताल जा रही है, नहीं तो वह भी आ जाएगा।
उनकी बातों से यह तो पक्का था कि वह रोहिणी के पीछे पड़ा था, लेकिन वह उससे दूर भाग रही थी। रोहिणी ने भी यह बात घर पर बताई थी कि वह उसके कोच और प्रीतम से परेशान हो गई है। कोच विजेंद्र खरसोदिया और प्रीतम सिंह से मानसिक रूप से प्रताड़ित होकर रोहिणी ने सुसाइड किया है।
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