नई दिल्ली
22 सितंबर यानी आज से जीएसटी का नया रेट लागू हो गया है. जीएसटी परिषद ने 3 सितंबर को हुई बैठक में कार से लेकर किचन तक की चीजों पर जीएसटी की दरें घटा दी हैं. ज्यादातर चीजों पर जीएसटी दरें घटने से कीमतों में भी कटौती हो गई है. इसका सबसे ज्यादा लाभ मिडिल क्लास को बताया जा रहा है. नई दरें लागू होने के साथ ही यह सवाल भी लोगों के मन में घूम रहा है कि कीमतों में कटौती होने के बाद मिडिल क्लास का हर महीने आखिर कितना पैसा बचेगा.
सबसे पहले बात करते हैं वाहन की. त्योहारी सीजन शुरू हो गया है और मिडिल क्लास इसी समय बाइक और कार की खरीदारी करता है. कार, दोपहिया और थ्री-व्हीलर्स पर जीएसटी की दरें 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दी गई हैं, जबकि साइकिल पर जीएसटी की दर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 1 लाख रुपये की बाइक पर सीधे 10 हजार रुपये की बचत होगी. 6 से 8 लाख रुपये की कार खरीदने पर भी 60 से 80 हजार रुपये की सीधी बचत हो जाएगी. अगर कोई ऑटो रिक्शा खरीदता है तो 3 लाख रुपये के वाहन पर सीधे 30 हजार रुपये की बचत हो जाएगी. वाहनों के कलपुर्जों पर भी जीएसटी की दर 28 से घटकर 18 फीसदी हो गई है, तो इनके मेंटेनेंस पर भी बचत होती रहेगी.
रोजमर्रा के सामान पर कितना पैसा बचेगा
रोजमर्रा की जरूरी चीजों में शामिल साबुन, टूथपेस्ट, शैम्पू, हेयर ऑयल, टूथ पाउडर आदि पर जीएसटी की दर घटकर 5 फीसदी हो गई है. इसके अलावा डायपर, बेबी बॉटल, किचन के बर्तन, सिलाई मशीन, माचिस और मोमबत्ती भी सस्ती हो गई है. अगर एक मिडिल क्लास परिवार इन चीजों पर महीने में 5 हजार रुपये खर्च करता था, तो अब उसे सीधे 500 रुपये की बचत होगी.
खाने-पीने के सामान पर कितनी बचत
दूध, पनीर, मक्खन, घी, चॉकलेट, बिस्कुट, नमकीन, पास्ता, नूडल्स और जूस आदि पर भी जीएसटी घटकर 5 फीसदी हो गया है. इसका मतलब है कि अगर कोई मिडिल क्लास पारिवार इन चीजों पर 8 से 10 हजार रुपये हर महीने खर्च करता है तो उसे निश्चित रूप से 800 से 1,000 रुपये की बचत होगी. बिस्कुट चॉकलेट 15 फीसदी सस्ता हो गया है, जबकि नारियल पानी 5 से 6 रुपये प्रति लीटर सस्ता हुआ है.
पढ़ाई-लिखाई और इलाज पर कितनी बचत
स्टेशनरी के सामान जैसे नोटबुक, मैप, पेंसिल, क्रेयॉन्स और कटर आदि को भी 12 फीसदी से घटाकर शून्य या 5 फीसदी कर दिया गया है. इस लिहाज से देखा जाए तो जो स्कूल किट पहले 1,000 रुपये की आती थी, अब 850 रुपये में मिल जाएगी. इसका फायदा सिर्फ यूपी के ही 4.3 करोड़ स्कूली बच्चों को होगा. जीएसटी परिषद ने जरूरी दवाओं को भी 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी में कर दिया है. रेयर डिजीज और कैंसर जैसी दवाओं पर जीएसटी को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है. जांच किट और मेडिकल सप्लाइज को भी 5 फीसदी स्लैब में डाल दिया गया है. चश्मे को भी 18 से घटाकर 5 फीसदी में डाल दिया गया है. इसका मतलब है कि अब 1,000 रुपये की दवाओं पर 70 से 100 रुपये कम हो जाएंगे.
मकान बनवाने पर कितना पैसा बचेगा
सीमेंट पर जीएसटी 28 से घटाकर 18 फीसदी कर दिया गया है, जिसका फायदा गांव और शहर दोनों जगहों पर मकान बनवाने वालों को होगा. पहले जिस मकान को बनाने में 50 हजार की सीमेंट लगती थी, अब उस पर 5 हजार की सीधी बचत होगी. मार्बल, ग्रेनाइट, बांस और अन्य लकड़ी के सामान पर भी जीएसटी रेट कम हो गया है और ये सामान सस्ते हो जाएंगे. सीधे तौर पर देखा जाए तो 50 लाख रुपये के मकान पर 3 से 4 लाख रुपये की बचत होगी.
इलेक्ट्रॉनिक सामान और घरेलू उपकरण
32 इंच के टीवी, एसी, डिशवॉशर और मॉनिटर पर जीएसटी 28 से घटकर 18 फीसदी हो गया है. इसका मतलब है कि 40 हजार का टीवी अब 4 हजार रुपये सस्ता मिलेगा. इसी तरह, 35 हजार के एसी पर 3,500 रुपये की बचत होगी. 60 हजार रुपये सोलर वॉटर हीटर पर जीएसटी 5 फीसदी होने से अब 7 हजार की सीधी बचत हो जाएगी. इससे दिवाली में इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों की खरीदारी सस्ती पड़ेगी.