भोपाल
इंजीनियरिंग डे के अवसर पर सोमवार को राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कंवेंशन सेंटर में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लोक निर्माण सर्वेक्षण ऐप, न्यूज लेटर और लोक परियोजना प्रबंधन प्रणाली का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि यह तकनीकी नवाचार विभाग की कार्यक्षमता बढ़ाएंगे और पारदर्शिता लाएंगे। मुख्यमंत्री ने बड़ा एलान करते हुए कहा कि प्रदेश में इंजीनियर्स रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना की जाएगी, जहां अभियंताओं को नवीन तकनीक और कार्यपद्धति का प्रशिक्षण मिलेगा। मुख्यमंत्री ने इंजीनियरों की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि “इंजीनियर्स एक प्रकार से भगवान हनुमान के समान हैं, जिन्होंने हर अवसर पर अपनी उत्कृष्टता सिद्ध की है। इस अवसर पर 7 इंजीनियरों को मोक्षगुंडम विश्वैशरैया पुरस्कार और 4 ठेकेदारों को विश्वकर्मा पुस्कार से सम्मानित किया।
"ईश्वर सबसे बड़ा अभियंता है" – सीएम यादव
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अभियंता शब्द का अर्थ बताते हुए कहा कि अभियंता का मतलब है आरंभ और शुभारंभ करने वाला। उन्होंने कहा कि “ईश्वर ने इस संसार की रचना की है, वही सबसे बड़े अभियंता हैं। सर मोक्षगुंडम विश्वैश्वरैया ने 20वीं शताब्दी में अभियांत्रिकी के नए कीर्तिमान रचे। देश के अभियंताओं ने चिनाब ब्रिज जैसे कठिन प्रोजेक्ट बनाकर अपनी अद्वितीय क्षमता साबित की है। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंजीनियरों को गति शक्ति योजना जैसे प्रोजेक्ट से लगातार प्रेरित कर रहे हैं। “जब अंतरिक्ष मिशन असफल हुआ तो पीएम मोदी वैज्ञानिकों के साथ खड़े रहे। यह संदेश है कि राष्ट्र निर्माण में तकनीक और अभियंता कितने अहम हैं।
लोक निर्माण से लोक कल्याण की ओर
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक निर्माण विभाग केवल सड़कें और पुल नहीं बना रहा बल्कि लोक कल्याण की नई परंपरा गढ़ रहा है। उन्होंने भगवान विश्वकर्मा का उल्लेख करते हुए कहा कि “उन्होंने पुष्पक विमान जैसी रचना की थी। आज हमारे इंजीनियर तकनीक के सहारे अनेक ताजमहल खड़े करने की क्षमता रखते हैं।
अधोसंरचना में नई इबारत लिख रहा मध्यप्रदेश
कार्यक्रम में लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश अधोसंरचना विकास की नई गाथा लिख रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश का विकास तेजी से हुआ है और मुख्यमंत्री डॉ. यादव इसे प्रदेश में पूरी प्रतिबद्धता से आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंजीनियर केवल पुल-पुलिया नहीं बनाते, बल्कि वे देश की तकदीर और तस्वीर गढ़ते हैं। सिंह ने जानकारी दी कि अब तक प्रदेश में 500 लोक कल्याण सरोवर बनाए जा चुके हैं। विभाग ने लोकपथ ऐप सहित कई नवाचार किए हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में एक विशेष ऐप लाया जाएगा जो कार्यों की समय-सीमा का आकलन करेगा। पीएम गति शक्ति पोर्टल से पुलों और संरचनाओं के डिजाइन में मदद मिल रही है।
भारत के विकास में इंजीनियरों की विरासत
प्रसिद्ध इंजीनियर और लेखक प्रशांत पॉल ने अपने वक्तव्य में भारत की इंजीनियरिंग परंपरा को याद किया। उन्होंने कहा कि आज से 2,000 साल पहले विश्व की जीडीपी का एक तिहाई भारत के पास था और इसमें हमारे इंजीनियरों का बड़ा योगदान था। “राजा भोज ने हाइड्रोलिक पावर और यांत्रिकी डिजाइन तैयार किए, चोल राजाओं ने अनाईकट्टू बांध बनाया, वराहमिहिर ने खगोल विज्ञान में क्रांति की। यह हमारी गौरवशाली विरासत है।
इस अवसर पर कई अभियंताओं और संस्थाओं को सम्मानित किया गया।
– मोक्षगुंडम विश्वैशरैया पुरस्कार : सुनील कौरव, प्रीति यादव, प्रमेश कोरी, संजीव कालरा, भुवना जोशी, राजीव श्रीवास्तव, दीपक शर्मा और विक्रम सोनी को प्रदान किया गया।
– विश्वकर्मा पुरस्कार : हैदराबाद की एनसीसी लिमिटेड, भोपाल की निविक कंस्ट्रक्शन, गुरुग्राम की आरके जैन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. और नौगांव की हरगोविंद गुप्ता को मिला।
– रानी दुर्गावती पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार : एमपीआरडीसी भोपाल के सहायक महाप्रबंधक डॉ. दीपक पांडे को दिया गया।