वास्तु शास्त्र भारतीय परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हमारे जीवन के हर पहलू को संतुलित और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर बनाने में मदद करता है। घर का हर कोना चाहे वह पूजा स्थल हो या रसोई, शयनकक्ष हो या स्नानघर वास्तु नियमों के अनुसार सजाया जाए तो सुख-शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। अक्सर लोग घर की सजावट पर तो ध्यान देते हैं लेकिन बाथरूम जैसी जगह को नजरअंदाज कर देते हैं। खासकर बाथरूम में उपयोग की जाने वाली बाल्टी और मग जैसे साधारण दिखने वाले वस्तुओं का भी वास्तु में विशेष महत्व है।
बाल्टी का वास्तु में महत्व
बाल्टी का उपयोग रोज़ाना नहाने, सफाई करने और अन्य कई कामों में होता है लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि बाथरूम में रखी गई बाल्टी का रंग आपके जीवन को प्रभावित कर सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, हर रंग की एक विशेष ऊर्जा होती है, और यदि गलत रंग की बाल्टी का उपयोग किया जाए तो यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकती है। इससे आपके जीवन में मानसिक तनाव, आर्थिक हानि, और स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियाँ आ सकती हैं।
कौन सा रंग है उचित ?
नीला रंग
नीला रंग जल तत्व का प्रतीक है और शांति, शुद्धता एवं ठंडक का प्रतिनिधित्व करता है। बाथरूम में नीले रंग की बाल्टी रखने से मानसिक तनाव कम होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। यह रंग विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी होता है जो मानसिक दबाव में रहते हैं या नींद की समस्या से जूझते हैं।
सफेद रंग
सफेद रंग सत्व गुण का प्रतीक माना जाता है। यह रंग मानसिक शांति, संतुलन और स्वच्छता का अनुभव कराता है। बाथरूम में सफेद बाल्टी रखने से घर के सदस्यों के बीच आपसी समझ और सामंजस्य बना रहता है।
हल्का हरा
हल्का हरा रंग प्रकृति, ताजगी और जीवन शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। यह रंग बाथरूम के लिए बहुत अनुकूल माना गया है, विशेषकर जब घर में बीमार व्यक्ति हो। यह सकारात्मक ऊर्जा फैलाता है और बाथरूम की नमी को संतुलित करता है।
किन रंगों की बाल्टी से बचें ?
काला रंग
काले रंग की बाल्टी बाथरूम में रखना वास्तु दोष को बढ़ाता है। यह रंग नकारात्मकता, आलस्य और अवसाद को आकर्षित करता है। इससे घर में कलह, मानसिक तनाव और आर्थिक रुकावटें आ सकती हैं।
लाल रंग
लाल रंग ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक होता है, लेकिन यह रंग बाथरूम जैसे शांत स्थान के लिए उपयुक्त नहीं है। बाथरूम में लाल बाल्टी रखने से गुस्सा, चिड़चिड़ापन और शारीरिक असंतुलन हो सकता है। यह अग्नि तत्व से जुड़ा रंग है, जो जल तत्व प्रधान बाथरूम में विरोधाभास उत्पन्न करता है।
गहरा पीला या नारंगी
ये रंग अत्यधिक सक्रियता और उत्तेजना को दर्शाते हैं। बाथरूम जैसी जगह, जहां व्यक्ति शांति चाहता है, वहां ऐसे रंग बेचैनी बढ़ा सकते हैं। इनसे बचना चाहिए।