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मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन विधेयक 2024 राज्यसभा में पेश कर दिया, बीजेपी सांसद ने फिल्मी गुंडों से की वक्फ बोर्ड की तुलना

नई दिल्ली

अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन विधेयक 2024 राज्यसभा में पेश कर दिया है. बिल पेश कर रिजिजू ने कहा कि वक्फ में किसी गैर मुस्लिम का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा. लोकसभा से वक्फ संशोधन विधेयक 2024 कुछ संशोधनों के साथ पारित हो गया है. लोकसभा में चली मैराथन चर्चा के बाद ये बिल 232 के मुकाबले 288 वोट से पारित हो गया. अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने अब इस बिल को राज्यसभा में पेश कर दिया है. राज्यसभा में बिल पेश कर किरेन रिजिजू ने कहा कि वक्फ में किसी गैर मुस्लिम का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा.

'ये महज कानूनी नहीं, पुरानी रवायत से जुड़ा मामला', वक्फ बिल पर बोले नदीमुल हक

टीएमसी सांसद नदीमुल हक ने कहा कि ये महज कानूनी मसला नहीं, पुरानी रवायत से जुड़ा मामला है. क्या हम उन रवायतों को भुला सकते हैं जिन्होंने हमें एक देश एक कौम बनाया है. ये मामला बस मुसलमानों से जुड़ा नहीं है. ये सिर्फ एक मजहबी मसला नहीं, संवैधानिक मुद्दा भी है. हमारे लिए संविधान महज एक किताब नहीं, मार्गदर्शक है. वक्फ बिल में कई खामियां हैं. ये बिल एंटी फेडरल है. इस बिल का मकसद वक्फ बोर्ड में मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व कम करना है. जब ये बिल लोकसभा में पेश किया गया था, एक गलती रह गई थी जो जेपीसी में जाकर पकड़ा गया था. बहुत सारी कमेटियों की सिफारिश पर ये बिल लेकर आए हैं, मंत्री जी ने कहा. आपको रिफॉर्म करना है तो तीन सुझाव तो मान लीजिए. मुसलमानों की शिक्षा को लेकर एजुकेशन बोर्ड, वक्फ बोर्ड की संपत्तियों से अवैध कब्जा हटाने की सिफारिशें भी मान लीजिए. इस बिल में इन सबका कोई जिक्र नहीं किया गया.

नसीर हुसैन पर राधा मोहन दास अग्रवाल के आरोप को लेकर राज्यसभा में हंगामा

विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जब व्यक्तिगत आरोप लगाए जाएं तब स्पष्टीकरण का मौका दिया जाना चाहिए. निर्मला सीतारमण ने कहा कि गृह मंत्री के बोलने के बाद उन्हें मौका दिया गया था. उन्होंने (नसीर हुसैन ने) जो कहा, वो दोहरा सकती हूं. इस पर हंगामा हो गया.

प्रमोद तिवारी के पॉइंट ऑफ ऑर्डर पर अमित शाह बोले- कोई आरोप नहीं लगाया

राधा मोहन दास अग्रवाल का संबोधन पूरा होने के बाद कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी ने पॉइंट ऑफ ऑर्डर रेज किया और कहा कि कोई भी सदस्य किसी सदस्य पर मानहानिकारक, अपराध के आरोप बगैर किसी पूर्व सूचना के आरोप नहीं लगा सकता. इस पर ट्रेजरी बेंच से मंत्री ने कुछ कहा. इस पर प्रमोद तिवारी ने कहा कि ये मंत्री का आचरण है. हम तो बस इतना चाहते हैं कि सदन में चर्चा शांतिपूर्वक चले. गृह मंत्री अमित शाह अपनी सीट पर खड़े हुए और कहा कि मान्यवर माननीय सदस्य ने नसीर हुसैन पर कोई आरोप नहीं लगाए. इन्होंने बस इतना ही कहा कि नसीर हुसैन जब जीते, पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे. नारे इन्होंने नहीं लगाए, इन पर आरोप नहीं लगे. नसीर हुसैन ने कहा कि मेरा नाम लिया गया है. जब ये नारे लगे, सिवाय एक जर्नलिस्ट के कोई वहां नहीं था.

वक्फ बोर्ड जिस जमीन पर हाथ रख दे, उसकी हो जाती थी- राधा मोहन दास अग्रवाल

बीजेपी के राज्यसभा सांसद डॉक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल ने वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान वक्फ बोर्ड की तुलना पुरानी फिल्मों के गुंडों से की. उन्होंने कहा कि जिस तरह से फिल्मों में गुंडे जिस औरत पर हाथ रख देते थे, वह उनकी हो जाती थी. उसी तरह से ये जिस जमीन पर हाथ रख देते थे, वह जमीन इनकी हो जाती थी. वक्फ बाई यूजर इनका बड़ा हथियार था. किसी की जमीन पर कुछ दिन नमाज क्या पढ़ ली, वक्फ बाई यूजर वो जमीन वक्फ बोर्ड की हो गई. तमिलनाडु में 1500 साल पुराना मंदिर भी वक्फ प्रॉपर्टी घोषित कर दिया गया. हमने मौलाना से पूछा कि ये बताओ कि कुरान में कहां लिखा है, किस हदीस में लिखा है कि जो संपत्ति किसी ने दान की ही नहीं, वह आपकी कैसे हो गई. इसका कोई जवाब किसी के पास नहीं था. ओवैसी साहब उस सदन में बैठते हैं, उन्होंने मेरा नाम रख दिया मौलाना राधा मोहन दास अग्रवाल. उन्होंने कर्नाटक में वक्फ की संपत्तियों पर कब्जा करने वाले नेताओं के नाम की लिस्ट पढ़ी और कहा कि ये रिपोर्ट जेपीसी में टेबल हुई थी. बीजेपी सांसद ने कहा कि एक नाम इस सदन की मर्यादा में लेने से इनकार करता हूं, वो सदन में हैं भी नहीं. सबको पता है कि वो नाम क्या होगा.

वक्फ संशोधन बिल पर गुरुवार को राज्यसभा में चर्चा हो रही है. इस दौरान कांग्रेस सांसद डॉक्टर सैयद नसीर हुसैन ने केंद्र सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि, 'ये बिल पूरी तरह से फेक नैरेटिव पर आधारित है जिसके लिए पिछले कुछ महीनों से कोशिश की जा रही थी. ये बिल बीजेपी के लिए सिर्फ ध्रुवीकरण का टूल है. ये कह रहे हैं कि हम गरीब को ताकत देंगे, ट्रांसपैरेंसी देंगे. 10 साल से आप सत्ता में हैं, क्या किया. सेंट्रल वक्फ काउंसिल है, उसमें काउंसिल नहीं है, सिर्फ किरेन रिजिजू का नाम नजर आएगा.'

उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि, 'वक्फ बोर्ड के खिलाफ सबसे बड़ा भ्रम फैलाया गया है कि वक्फ बोर्ड किसी भी जमीन को अपनी जमीन घोषित कर देता था. क्या देश में रेवेन्यू रिकॉर्ड नहीं है, कानून नहीं है, कोर्ट नहीं है. हम ट्रेन में नमाज पढ़ते हैं तो क्या ट्रेन हमारी हो गई.'

देश को कर रहे हैं गुमराह

कांग्रेस सांसद नसीर हुसैन ने कहा, 'बीजेपी शासित राज्यों में बोर्ड नहीं है. देश को गुमराह करने के लिए ये बातें यहां पर कर रहे हैं. जेपीसी में मैं भी सदस्य था. जब शुरू हुआ, एक्सपर्ट्स आने लगे तो 97 फीसदी लोगों ने बिल के खिलाफ बातें कीं. एक लाख आंकड़ा दे रहे हैं, सदन पटल पर रख दें कि कितने लोगों ने बिल का विरोध किया था. पहली बार जेपीसी में नॉन स्टेक होल्डर्स को बुलाया गया.'

उन्होंने कहा कि, कुछ तो ऐसे थे जो सांप्रदायिक बयान दे रहे थे. ये कह रहे हैं कि जेपीसी की सिफारिशों पर लाए हैं. इनसे पूछिए कि क्लॉज बाई क्लॉज डिस्कशन हुआ था. पहली बार बिना क्लॉज बाई क्लॉज सिफारिशें बुल्डोज करके ये बिल लेकर आए हैं. वो जेपीसी के नहीं, एनडीए के सांसदों की सिफारिशें हैं. जेपीसी गठित ही नहीं करना था. जेपीसी में भेजकर और वर्सन किया है. जितने संशोधन लाए हैं, संविधान के खिलाफ हैं. आप सिर्फ ये संदेश देना चाहते हैं कि एक समुदाय को हम दोयम दर्जे का नागरिक बनाकर रहेंगे.

दान का कॉन्सेप्ट हर मजहब में हैः नसीर हुसैन
अगर देश में हम खोदना शुरू कर दें तो किसके नीचे क्या मिलेगा, पता नहीं है. इसमें भी इसका प्रावधान कर दिया. रिजिजू जी ने वक्फ का मायना बताया, वक्फ का मायना दान है जो कोई भी किसी को भी कर सकता है. मोहम्मद साहब के जमाने में गैर मुसलमानों ने भी दान किए. दान का कॉन्सेप्ट हर मजहब में है.

हमारे यहां दान को रेग्युलेट करने के लिए वक्फ बोर्ड बना. इस देश में एसजीपीसी है, टेंपल ट्रस्ट हैं, आखिर ये क्यों भ्रम फैला रहे हैं. अंग्रेजों को जमाने में वक्फ एक्ट आया था जिसमें सुधार करने के लिए कई संशोधन आए. कांग्रेस के जमाने में जो संशोधन आए थे, उसमें पूरा सहयोग और सपोर्ट इनका था.

वक्फ को लेकर भ्रम फैलाया गया
वक्फ बोर्ड के खिलाफ सबसे बड़ा भ्रम फैलाया गया है कि वक्फ बोर्ड किसी भी जमीन को अपनी जमीन घोषित कर देता था. क्या देश में रेवेन्यू रिकॉर्ड नहीं है, कानून नहीं है, कोर्ट नहीं है. हम ट्रेन में नमाज पढ़ते हैं तो क्या ट्रेन हमारी हो गई. उन्होंने कहा कि वक्फ को लेकर किए जा रहे दावे गलत हैं. कहा जा रहा है कि आप कोर्ट नहीं जा सकते, कोर्ट जा सकते हैं. बिल्कुल जा सकते हैं कोर्ट. हाईकोर्ट है, सुप्रीम कोर्ट है.

 

 

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