Thursday , December 12 2024
ताज़ा खबर
होम / राज्य / मध्य प्रदेश / भेल : कर्मचारियों के 8वां वेज रिवीजन कराने बीएमएस का 80वां आंदोलन

भेल : कर्मचारियों के 8वां वेज रिवीजन कराने बीएमएस का 80वां आंदोलन

भोपाल। भारतीय मजदूर संघ द्वारा गुरुवार 03 जनवरी 2019, शाम 04 बजे से 5 न. फाउंड्री गेट पर हजारों की तादात में भेल कर्मचारी अपने 8वे वेज रिविजन सीघ्र कराने हेतु विराट प्रदर्शन किया। यूनियन के उपाध्यक्ष सतेन्द्र कुमार ने कहा कि 10 जनवरी को मैराथन बैठक करके कर्मचारी हित मे बीएमएस की मांग 15% फिटमेंट एवं 35% पार्क के साथ वेज रिवीजन फाइनल करे और कर्मचारियों के वेतन विसंगति तत्काल दूर करे। प्रबंधन अपने अधिकारीयों के पे रिवाइज करके बढे हुए वेतन का लाभ एचआरए सहित सितंबर माह से ले रहा है वहीं दिन रात खून पशीने बहाकर उत्पादन में जुटे मेहनतकश कर्मचारियों के साथ अन्याय कर रहा है।

वेज रिविजन 1.1.2017 से लंबित है और भारतीय मजदूर संघ 27 दिसम्बर 2016 को चार्टर ऑफ़ डिमांड सौपा है, तब से डेढ़ महीनों की अगस्त क्रांति सहित 80वां चरण का आंदोलन आज किया गया। 81वां चरण का आंदोलन वीआईपी गेट पर 05 जनवरी को किया जाएगा तथा 82 वां आंदोलन 8 जनवरी को फाउंड्री गेट पर आहूत की जाएगी। आगे भी इस लड़ाई को अंजाम तक पहुँचाने को दृढ़ संकल्पित है।

भेल के 20 हजार कर्मचारियो के वेज रिविजन 2 वर्षो से लटका हुआ है इसलिए बिना बिलंब किये 1992 के वेज रिवीजन जैसा रिलेटिविटी के साथ किसी भी परिस्थिति में जनवरी 2019 में करार करके बढ़े हुए वेतन का लाभ दे देना चाहिए।

वेज रिवीजन हेतु संयुक्त समिति की प्रथम बैठक 14 मई 2018, दूसरी बैठक 21 सितंबर 2018, तीसरी बैठक 26 अक्टूबर 2018 को किया गया। परंतु एक सेंट्रल लीडर के उदासीनता एवं प्रबंधन के मजदूर विरोधी मानसिकता के कारण पिछले बैठकों में खानापूर्ति के अलावा कुछ भी न हो सका। सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों (CPSU) में कर्मचारी वर्ग का वेज रिविज़न हो चुका है जहां पांच वर्ष के वेज रिवीजन के लिए पोर्ट एंड डॉक में 10.5%, भारत डायनेमिक में 15% और कोल् इंडिया में 20 % फिटमेंट दिया गया है वही 10 वर्ष के वेज समझौता हेतु NPCC में 15 %, ECIL 17%, DMRC 15%, BEL 15%, कंटेनर कॉरपोरशन ऑफ इंडिया लिमिटेड में 15%, फिटमेंट दिया गया है। परंतु भेल के जेसीएम में प्रबंधन ने कर्मचारियों को 10% फिटमेंट और 31% पर्क देने का प्रस्ताव रखा है जो कि किसी भी तरह से मजदूरो के लिए न्याय संगत नहीं है। सभी कर्मचारियों को इस पर मंथन करने की आवश्यकता है साथ ही दूसरे CPSU एवं भेल के पुराने वेज रिविज़न की तुलना भी किया जाना आवश्यक है।

भत्ते प्रतिशत में मिलने से अधिकारियों की अपेक्षा कर्मचारियों को बहुत कम मिलता है। महगाई भत्ता भी बेसिक के प्रतिशत आधार पर मिलने से कर्मचारियों को अधिकारियों की तुलना में काफी कम मिलता है। जबकि महगाई तो सभी के लिये बराबर बढ़ती है। इसलिए 8 वां वेज रिविज़न में इस अंतर को कम करने की आवश्यकता है।

जब अधिकारी खुद ज्यादा लेता है तो वित्तीय घाटा नहीं होता पर जब-जब कर्मचारियों को देने की बात आती है तो वित्तीय घाटा होने लगता है। 2017 के वेज रिविज़न में अधिकारियों ने 3 साल बाद अपने वेज रिविज़न का रिव्यु का विकल्प रखा है पर कर्मचारियों के लिए तैयार नहीं है क्योंकि आज घाटा-घाटा कह कर 10% फिटमेंट देने का दबाव बनाने का प्रयास हो रहा है और जब कर्मचारियों का वेज रिविज़न हो जाएगा तब ये अपना पुराना इतिहास दोहराएंगे। जरा पुराने इतिहास को देखकर समझने की आवश्यकता है कि किस प्रकार प्रबंधन ने 1997 के कर्मचारी एवं अधिकारी के वेज रिविज़न के 3 साल बाद वर्ष 2000 में अधिकारियों का दोबारा वेज रिविज़न किया वही कर्मचारियों के साथ धोखा किया।

2007 के वेज रिविज़न में भेल ने सभी कैडर को 46% पर्क दिया पर बाद में अलग से अधिकारियों ने 11 तरह की सुविधाओ का लाभ लिया। जिसमे फर्नीचर भत्ता, टेलीफोन बिल स्वयं एवं घर का, नया मोबाइल खरीदने की सुविधा, शिष्टाचार भत्ता (courteous allowance) पर्दा भत्ता, घर एसी सुविधा, ब्रीफकेस बैग भत्ता, लैपटाप भत्ता, घरेलू उपयोग के समान (जैसे की – नहाने के साबुन,हैंड वॉश, टॉइलेट क्लीनर, शेविंग क्रीम इत्यादि ), सेवानिवृत्ति पर एक विशेष प्रमोशन सामिल है परंतु इसके एवज में कर्मचारियों को कुछ भी नही दिया गया।

हर स्तर पर मजदूरो का शोषण करने का प्रयास किया जा रहा है। अस्पताल, टाउनशिप, स्कूल एवं सामाजिक दायित्व का निर्वाह करने से प्रबंधन बच रहा है यह पूंजीपति मानसिकता का उदाहरण है।

बीएमएस के प्रमुख मांगो में वेज वार्ता 10 जनवरी को 15% फिटमेंट एवं 35% पार्क के साथ फाइनल करने तथा बीएमएस के मांग के अनुरूप कर्मचारी हित में वेज रिविजन करने, अनुकंपा नियुक्ति प्रारम्भ करने, एचआरए का भुगतान जनवरी 2017 से करने, ढाई इंक्रिमेंट से बंचित कर्मचारियों के अतिरिक्त लाभ देकर मूल वेतन के खाई को कम करने, जिन कर्मचारियों से एक वर्ष के स्थान पर ढाई वर्ष डीआर कराया गया उन्हें समस्त लाभ देने, केंद्र सरकार द्वारा निर्देशित सीसीएल का लाभ देने की मांग भी शामिल है।

कार्यक्रम में यूनियन के महामंत्री कमलेश नागपुरे, उपाध्यक्ष रोहित कुमार, संजय चौधरी,मंत्री प्रदीप अग्रवाल, नितिन कोंडे, विनोद विशे, , विजय सिंह रावत, जगदीश मालवीय, अश्वनी मौर्य, रामनंदन सिंह, संतोष अहिरवार, धर्मेंद्र कुमार, अमित साहू, ए रमेश, गजेंद्र बंछोड़, शिशुपाल यादव, दयाल सिंह राणावत, लक्षमण प्रसाद, शरद बिलास,अतुल तिवारी, चंद्रशेखर चौहान, शेखर लिल्हारे, मेहर चंद, रवि अहिरवार, शेखर लिल्हारे, प्रभात कुमार, प्रकाश पाटिल, दिनेश करण, राकेश कोल, संजय गुप्ता, विनोद मौर्य , अमृतलाल साकेत, रवि अहिरवार, इंद्रेश शर्मा सतीश नामदेव, गजानदं लिल्हारे, नरेंद्र पटले, संजीत पाल, अमन वर्मा, विश्वराज आनंद ,अमित कश्यप, रोहित मालवीय, राजेश बर्मन ,पवन कुशवाहा आशीष एवं भारी संख्या में यूनियन के कार्यकर्त्ता उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Enable Google Transliteration.(To type in English, press Ctrl+g)