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देशभर के 5 लाख डॉक्‍टर हड़ताल पर, आज डॉक्‍टरों से मिलेंगी ममता बनर्जी

नई दिल्‍ली
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में पिछले दिनों दो जूनियर डॉक्‍टरों की पिटाई के बाद शुरू हुई डॉक्‍टरों की हड़ताल ने अब देशव्‍यापी रूप अख्तियार कर लिया है। सोमवार को देश के 5 लाख डॉक्‍टर हड़ताल में शामिल हो गए जिससे दिल्‍ली-एनसीआर, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्‍यों में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं पर बहुत बुरा असर पड़ा है। इससे मरीजों का काफी परेशानी हो रही है। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि वह आज डॉक्‍टरों के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात करेंगी।

आइए जानते हैं डॉक्‍टरों की हड़ताल से जुड़े 10 बड़े अपडेट…

डॉक्‍टरों की हड़ताल में दिल्ली मेडिकल असोसिएशन से जुड़े 18,000 डॉक्टर और एम्स भी शामिल हो गया है। हड़ताल के कारण दिल्ली के सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया जैसे बड़े अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं प्रभावित हैं। इन अस्पतालों में नए मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है। सोमवार की सुबह एम्स के ट्रॉमा सेंटर में एक जूनियर डॉक्टर पर हमले के बाद इसने दोपहर से सभी गैर आवश्यक सेवाओं से अनुपस्थित रहने का फैसला किया। एम्स आरडीए ने एक बयान में कहा कि ‘गंभीर स्थिति वाले मरीजों को प्राथमिकता देने पर’ एक जूनियर डॉक्टर पर कथित हमला किया गया। एम्स के डॉक्टरों ने परिसर में सुबह आठ बजे से नौ बजे तक प्रदर्शन भी किया। केंद्र सरकार द्वारा संचालित सफदरजंग अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, आरएमएल अस्पताल के साथ-साथ दिल्ली सरकार के जीटीबी अस्पताल, डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल, संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल और दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल के डॉक्टर भी हड़ताल में शामिल हैं।

पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा को लेकर चल रहे आईएमए की देशव्यापी हड़ताल के बीच एम्‍स के असिस्टेंट प्रफेसर विजय कुमार ने भूख हड़ताल का ऐलान किया है। उन्‍होंने कहा कि डॉक्‍टरों पर हमले के दोषी लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, इसी वजह से डॉक्‍टर हड़ताल पर हैं। 90 प्रतिशत मरीज आज भी डॉक्‍टरों को भगवान मानते हैं। उन्‍होंने मांग की कि सरकार इस मामले में हस्‍तक्षेप करे। डॉक्‍टर कुमार ने कहा कि जब तक इस मामले का समाधान नहीं होगा, वह भूख हड़ताल पर रहेंगे।

पश्चिम बंगाल में अपने डॉक्टर साथियों पर हाल ही में हुए हमले के मद्देनजर सोमवार को केरल में निजी और राजकीय दोनों अस्पतालों के डॉक्टर भी सांकेतिक हड़ताल पर हैं। एक ओर जहां निजी क्षेत्रों के डॉक्टरों ने आकस्मिक सेवाओं को उपलब्ध कराने के साथ एक दिवसीय हड़ताल का विकल्प चुना, वहीं सरकारी क्षेत्र के डॉक्टरों ने सभी बाह्य-रोगी सेवाओं के लिए सुबह 8 बजे से 10 बजे तक दो घंटे के लिए सेवाएं बंद रखने का निर्णय लिया। इसके अलावा सभी सरकार संचालित मेडिकल कॉलेजों के शिक्षक भी सुबह 10 बजे से लेकर 11 बजे तक एक घंटे के लिए हड़ताल पर रहे।

ओडिशा में पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा के मद्देनजर डॉक्टरों ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) भुवनेश्वर में विरोध प्रदर्शन जारी रखा है। उधर, उत्‍तर प्रदेश के वाराणसी में पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा के मद्देनजर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल में डॉक्टर हड़ताल पर हैं। इससे मरीजों का काफी परेशानी हो रही है।

असम में गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा के विरोध में प्रदर्शन किया है। राजस्थान के जयपुर के जयपुरिया अस्पताल में भी डॉक्टर हड़ताल पर हैं। राजस्‍थान की राजधानी जयपुर के डॉक्‍टरों ने अस्‍पतालों की सुरक्षा के लिए अलग सिक्‍यॉरिटी फोर्स बनाए जाने की मांग की है।

पंजाब के अमृतसर शहर में अस्‍पताल बाउंसर समेत निजी सुरक्षा एजेंसी हायर करने पर विचार कर रहे हैं। उन्‍होंने अस्‍पतालों पर हमला करने वाली भीड़ के खिलाफ कठोर कानून बनाने की मांग की है। अमृतसर में 100 बेड का हरतेज हॉस्पिटल चलाने वाले डॉक्‍टर हरतेज सिंह नागपाल ने कहा, ‘हम लगातार भय के वातावरण में काम कर रहे हैं और हाल ही इस घटना ने हमारी चिंता को बढ़ा दिया है। सरकार को कठोर कानून बनाना चाहिए ताकि डॉक्‍टरों पर हमला करने वाले और अस्‍पतालों में तोड़फोड़ करने वालों को कठोर दंड मिल सके।’

-पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने के बाद उनका समर्थन करते हुए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी 10,000 से अधिक डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं, जिसके कारण राजधानी में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो गई हैं। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू), क्वीन मैरीज हॉस्पिटल, संजय गांधी पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और डॉ. राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के रेजीडेंट डॉक्टर सोमवार सुबह छह बजे से मंगलवार सुबह छह बजे तक हड़ताल पर चले गए हैं। आपातकालीन और ट्रॉमा सेवाएं संचालित रहेंगी लेकिन बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) सेवाएं और ऑपरेशन सेवाएं स्थगित कर दी गई हैं।

महाराष्ट्र में 40,000 से अधिक चिकित्सकों ने पश्चिम बंगाल में आंदोलनरत साथी चिकित्सकों के समर्थन में आईएमए द्वारा बुलाए गए बंद का समर्थन करते हुए सोमवार को कार्य का बहिष्कार किया। एक अधिकारी ने बताया कि राज्य के विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टर मुख्य रूप से ओपीडी और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं का बहिष्कार कर रहे हैं। हड़ताल के समर्थन में विभिन्न अस्पतालों में ओपीडी सेवाओं को बंद कर दिया गया है।

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