आम सभा, ग्वालियर : प्रदेश में संचालित आंगनवाड़ी केंद्रों में से 313 आंगनवाड़ियों को नर्सरी स्कूलों की तरह बनाया जा रहा है इसके पीछे हमारा मकसद अभी तक सिर्फ पोषण आहार केंद्र के तौर पर कार्य करने वाले आंगनवाड़ी केंद्रों को 3 से 6 वर्ष की आयु वर्ग वाले बच्चों को तालीम के लिए पाठशाला में प्रवेश दिलाने से पूर्व खेल खेल में प्राथमिक रूप से तैयार करना है. महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने ग्वालियर से इस योजना की विधिवत शुरुआत करने से पूर्व अखबार नवीसों से चर्चा करते हुए कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों में गरीबों के बच्चे ही आते हैं प्रदेश सरकार इस हकीकत को बदलना चाहती है हमारी मंशा है आंगनवाड़ी केंद्रों में शासकीय अधिकारी व साधन संपन्न वर्ग के बच्चे भी बेहिचक होकर आएं इसी मकसद से प्रदेश के प्रथम चरण में 313 आंगनवाड़ी केंद्रों को नर्सरी स्कूल की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है ग्वालियर जिले में इसके तहत चार केंद्रों का शुभारंभ बुधवार को होने जा रहा है.
उन्होंने बताया कि उपनगर ग्वालियर के रेशम मिल स्थित आंगनवाड़ी केंद्र से इस योजना का शुभारंभ में स्वयं करने जा रही हूं वहीं 2 दर्जन आंगनवाड़ी केंद्रों पर तैयारी गतिशील है अखबार नबीसों से चर्चा के दौरान इमरती देवी ने बिना किसी हिचकिचाहट के स्वीकार किया कि प्रदेश के तमाम सारे आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषण आहार की माकूल व्यवस्था नहीं है उन्होंने बिना किसी लाग लपेट के यह भी कहा कि भोजन एक स्थान पर बने और 100 स्थानों पर बटने जाए यह ठीक नहीं है इसमें बदलाव की जरूरत है उनकी मंशा है पोषण आहार साझा की तरह स्कूल परिसर में ही तैयार होकर वितरित किया जाना चाहिए । इस संबंध में वे बहुत जल्द ही विभागीय प्रमुख सचिव अनुपम राजन और आयुक्त एम.बी . ओझा से चर्चा करने वाली हुँ।
महिला बाल विकास महकमे में व्याप्त भ्रष्टाचार के सवाल पर उन्होंने तपाक से उत्तर देते हुए कहा कि मेरे मंत्री बनने से पूर्व जो कुछ हुआ वह हुआ लेकिन अब इस पर काफी हद तक विराम लग चुका है और इसमें फिर भी और सुधार की गुंजाइश है इस दिशा में कार्य कर रही हूं उन्होंने बताया कि भिंड और सागर में हमने पोषण आहार क्रय करने वाले और उसे विक्रय करने वालों के साथ ही उसे अपने घर पर रखने वालों पर भी कठोर कार्यवाही की है अखबार नबीसों से महिला बाल विकास मंत्री की चर्चा के दौरान सुरेश तोमर खासतौर से मौजूद रहे।