बिलासपुर
केंद्र सरकार के भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बिलासपुर-उरगा राष्ट्रीय राजमार्ग -130 ए भूमि बटांकन विवाद के कारण अधर में लटका हुआ है। 1,520 करोड़ रुपये की इस परियोजना का काम वर्ष 2022 में शुरू हुआ था और इसे 2025 जून तक पूरा किया जाना है।
बटांकन विवाद और प्रशासनिक ढिलाई के चलते अब तक काम ठप है। प्रधानमंत्री कार्यालय इस पर लगातार नजर रखे हुए है। बिलासपुर के ढेका गांव से उरगा तक 70 किलोमीटर लंबी इस सड़क परियोजना का काम ढेका की लगभग आधा किलोमीटर की भूमि पर बटांकन विवाद के चलते रुका हुआ है।
कमिश्नर कोर्ट से नहीं आया है फैसला
लगभग 65 जमीन मालिकों की भूमि योजना के चलते प्रभावित हो रही है। यही जमीन बटांकन में विभाजन को लेकर असहमति बनी हुई है। कई लोगों ने बटांकन प्रक्रिया पारदर्शी नहीं होने और अनियमितता के आरोप लगाए हैं। मामला आयुक्त न्यायालय में चल रहा है। कमिश्नर कोर्ट से अंतिम फैसला आने तक काम शुरू नहीं हो सकता।
जमीन बटांकन को लेकर चल रहे विवाद की जानकारी लगते ही कलेक्टर अवनीश शरण लगभग दो माह पूर्व ढेका-उरगा नेशनल हाइवे 130 ए परियोजना क्षेत्र का निरीक्षण किया था। उन्होंने एसडीएम को जल्द से जल्द बटांकन विवाद को सुझाने व प्रोजक्ट को तय समय सीमा में पूरा करने निर्देश दिए थे।
जून 2025 तक पूरा करना था प्रोजेक्ट का काम
बिलासपुर-उरगा एनएच 130 ए परियोजना 2022 में शुरू हुई थी और 2025 जून तक पूरी होने की समय-सीमा है। प्रोजेक्ट बटांकन विवाद व आयुक्त न्याय प्रशासन की सुस्ती के चलते काम अधर में लटका है। प्रशासन ने समय रहते विवाद सुलझाया होता, तो यह सड़क अब तक बनकर तैयार होने की कगार पर होती। इस देरी के कारण न सिर्फ लागत बढ़ेगी, बल्कि क्षेत्रीय विकास भी प्रभावित होगा।
भारतमाला परियोजना के फायदे
बिलासपुर से कोरबा सिर्फ एक घंटा में पहुंच सकेंगे।
बेहतर परिवहन से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
पिछड़े क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार होगा।